अगर आपके मन ने किसी को पसंद कर लिया और आपने मेहनत मशक्कत के बाद उनसे दोस्ती भी कर ली है, तो जनाब रोमांस को इंज्वाय करने के लिए आपको पहले कुछ खर्च तो करना ही होगा. हम बात कर रहे हैं तोहफों की. अगर आप अपनी साथी को गिफ्ट देना चाहते है, तो वह भी अच्छी तरह से प्लान किए हुए होने चाहिए. तो चलिए प्लान किया जाए दोस्ती के तोहफों का सफर...
दो हफ्तों में
इस दौरान कोई तोहफा न दें. जब आप उन्हें अपना दोस्त बना लें और वह भी दोस्ती को मायने देने लगें, तो भी शुरुआती 2 हफ्तों में उन्हें कोई गिफ्ट न दें. क्योंकि यह बहुत जल्दबाजी होगी. हां, आप चाहें तो उन्हें अपने फ्यूचर प्लान से अवगत करा सकते हैं. लेकिन पूरी बात न बताएं. उन्हें कहें कि आने वाले समय में आपके पास उनके लिए एक बेहतरीन सरप्राइज है.
चार हफ्तों में
दोस्ती को जब पूरे 4 सप्ताह बीत चलें हों, तो भी भारी भरकम तोहफा खरीदने की जल्दबाजी न करें. 4 हफ्ते मतलब एक महीना, इतने समय की दोस्ती में भरोसे की नींव डल जाती है. इस अंतराल के बाद अगर आप उन्हें मंहगा या बड़ा तोहफा देंगे, तो शायद उन्हें अजीब लगे. इसलिए 4 हफ्तों के बाद उन्हें डिनर पर ले जाना बेहतर विकल्प है. हां, चाहें तो डिनर के बाद कोई छोटा सा गिफ्ट आप उन्हें दे सकते है.{mospagebreak}
छह हफ्तों में
अगर दोस्ती को 6 हफ्ते हो चले हैं और आप दोनों आज भी पहले की तरह साथ हैं, तो आपको यह तय करना ही होगा कि कहीं आप प्यार में तो नहीं हैं. अगर इसका जवाब हां में मिलता है, तो जनाब आप जो चाहें उन्हें तोहफे में देने के लिए आजाद हैं. लेकिन अगर जवाब नहीं है, तो चौथे हफ्ते के प्लान को ही फॉलो करने में भलाई है.