जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने कहा कि रक्तदान महादान है, इसे जीवनदान के बराबर माना जाता है. रक्तदान न केवल अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाता है, बल्कि यह रक्त देने वाले को स्वस्थ बनने में भी मदद करता है, इसलिए यह दोनों के लिए फायदेमंद है.
डॉ. चौहान ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि रक्तदान एक जीवन देने वाली गतिविधि है जो किसी व्यक्ति के जीवन को बचा सकती है. इसलिए और जब भी मौका मिले, सभी स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं को रक्तदान करना चाहिए.
उन्होंने कहा, "रक्त एक महत्वपूर्ण धातु है और रक्तदान शरीर में नए खून को पुनर्जीवित करने में सक्षम बनाता है. पित्त प्रकृति के लोगों को अक्सर रक्तमोक्षण पंचकर्म थेरेपी की सलाह दी जाती है, इसलिए रक्तदान द्वारा पित्त प्रकृति के लोगों को रक्तमोक्षण के समान लाभ मिल सकते हैं."
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डॉ. चौहान ने कहा कि रक्त दाताओं के लिए पौष्टिक और स्वस्थ आहार और अच्छी तरह से आराम करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे नए रक्त कोशिकाएं फिर से बनें, अन्यथा इससे शरीर में रक्त की कमी हो सकती है.
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उन्होंने बताया कि जीवा आयुर्वेद की स्थापना आधुनिक संदर्भ में उपचार और स्वास्थ्य लाभ के वैदिक भारतीय विज्ञान, आयुर्वेद को पुनर्जीवित करके एक स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण समाज बनाने के उद्देश्य से 1992 में की गई थी.