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परफ्यूम से क्यों बेहतर है इत्र, क्या है इसे इस्तेमाल करने का सही मौसम और तरीका

रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम भूख-प्यास रहकर रोजा रखते हैं. रोजे खत्म होने के बाद मुस्लिम ईद का त्योहर मनाते हैं. इस दिन सभी लोग सज-धजकर मस्जिद में नमाज अदा करने निकलते हैं और फिर एक दूसरे के गले लगते हैं.

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इत्र पारपंरिक तरीके और प्राकृतिक पदार्थों से बनाया गया एक खुशबूदार तेल है.
इत्र पारपंरिक तरीके और प्राकृतिक पदार्थों से बनाया गया एक खुशबूदार तेल है.

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ईद के दिन ज्यादातर लोग सफेद कुर्ता-पयजामा, सिर पर टोपी और इत्र या परफ्यूम लगाना कभी नहीं भूलते. बदन से महकी खुशबू के असर से गली और बाजार भी सुगंधित हो उठते हैं. हालांकि इसमें काफी लोग बड़ी कन्फ्यूज रहते हैं कि आखिर उनकी स्किन के लिए क्या बेहतर है. इत्र या परफ्यूम?

बता दें कि इत्र पारपंरिक तरीके और प्राकृतिक पदार्थों से बनाया गया एक खुशबूदार तेल है. इसे बनाने में किसी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता. वहीं, परफ्यूम में खुशबूदार तेलों के अलावा कई तरह के कैमिकलों मिश्रण होता है.

इत्र की सबसे खास बात यह है कि इससे न तो आपके स्किन को किसी तरह का खतरा होता है और इसकी खुशबू का असर काफी देर तक बना रहता है. इत्र की जरा सी बूंद आपके जिस्म को काफी देर तक महकाए रख सकती है. जबकि परफ्यूम का प्रभाव कुछ घंटे में ही खत्म हो जाता है.

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मौसम के अनुसार इस्तेमाल करें इत्र

क्या आप जानते हैं कि इत्र का इस्तेमाल मौसम को ध्यान में रखकर किया जाता है. गर्मियों के मौसम में गुलाब, जास्मीन, खस, केवड़ा, मोगरा का इत्र लगाने की सलाह दी गई है. ये गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा रखते हैं.

वहीं सर्दियों के इत्र में मस्क, अंबर, केसर, ऊद का इत्र लगाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये शरीर के तापमान को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं. आपको बता दें कि इत्र बनाने के लिए फूल, हर्बल और मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. कई इत्र तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें बनाने के लिए खास मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है.

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