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झूठ बोलने में पिछड़ गई महिलाएं

भारत में झूठ बोले कौवा काटे की कहावत है, लेकिन एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि महिलाओं से अधिक पुरुष झूठ बोलते हैं.

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भारत में झूठ बोले कौवा काटे की कहावत है, लेकिन एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि महिलाओं से अधिक पुरुष झूठ बोलते हैं. पुरूष दिनभर में छह बार झूठ बोलते हैं जो महिलाओं के मुकाबले दोगुना है.

महिलाओं से अधिक झूठ बोलते हैं पुरुष
‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि पुरूष अपनी महिलाओं, बास और सहयोगियों से औसतन दिन में छह झूठ बोलते हैं जबकि महिलाएं सिर्फ तीन झूठ बोलती हैं.

खरीददारी की सच्‍चाई बताने से बचती हैं महिलाएं
दो हजार ब्रितानियों पर किये सर्वेक्षण पर आधारित अध्ययन में यह भी खुलासा किया गया है कि दोनों ही लिंगों के लोगों द्वारा आमतौर पर बोला जाने वाला झूठ, ‘‘कुछ गलत नहीं है, मैं ठीक हूं.’’ पुरूषों के अपनी पिछली शराब की मात्रा के बारे में झूठ बोलने की संभावना अधिक रहती है और यह दावा भी कि उनके साथी का पिछला हिस्सा ज्यादा बड़ा नहीं दिखता. महिलाएं अपनी ताजा खरीददारी के बारे में सचाई बताने से बचती हैं.

दोनों को पता होता है सच
रोचक यह है कि दोनों ही लिंगों के 83 प्रतिशत ने कहा कि वे आसानी से बता सकते हैं उनका साथी झूठ बोल रहा है.
लेकिन शारीरिक भाषा विशेषज्ञ रिचर्ड न्यूमैन ने कहा, ‘‘ ज्यादातर लोग संकेतों को नहीं पढ़ सकते. वे मानते हैं कि यदि कोई सचाई छिपा रहा है तो वह अपना चेहरा छिपायेगा और आंखों में ताकने से बचेगा. हकीकत में इसका उलटा सच है.’’ ‘‘झूठे आमतौर पर आपको सचाई के बारे में रजामंद करने के लिए सबकुछ करते हैं, खामोशी से बैठकर और आपको देखकर कि आपकी प्रतिक्रिया का पता लगे. लोग इस क्षेत्र में उनके कौशल का जरूरत से ज्यादा आकलन करते हैं.’’ ये निष्कर्ष ट्वेंटियथ सेंचुरी फाक्स के एक सर्वेक्षण में आये जो टीवी धारावाहिक ‘लाइ टू मी’ के डीवीडी लांच के लिए किया गया जिसमें टिम रॉथ छलिया विशेषज्ञ के किरदार में हैं जो अपराधों को हल करने में मदद करता है.

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