कहावत है कि हंसने में क्या जाता है लेकिन यह आपके खिलखिलाने का अंदाज ही है जो सामने वाले पर आपके व्यक्तित्व की पहली छाप छोड़ जाता है.
ब्रिटिश टैबलायड डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार तुरंत या बहुत बड़ी सी मुस्कान को अक्सर गैर संजीदा माना जाता है जबकि धीरे से दी गयी मुस्कुराहट आपके सच्चे जज्बात दर्शाती है. अधिकतर लोगों के लिये पहली भेंट में मुस्कुराहट, दो लोगों में संपर्क सूत्र बनाने का जरिया है.
यह नया अध्ययन इस बात पर केन्द्रित है कि कैसे कारोबार में भी मुस्कुराहट ग्राहकों पर अधिक सकारात्मक प्रभाव डालती है. शोधकर्ताओं ने शोध के बाद तीन तरह की मुस्कुराहट को चिन्हित किया जो इंसान की प्रकृति को दर्शाती है.
पहली, उत्साहपूर्ण मुस्कुराहट जो होठों पर इस कदर फैल जाती है कि व्यक्ति के दांत भी झलक जाते हैं वहीं दूसरी यांत्रिक (रोबोट टाइप की) मुस्कुराहट जिसमें इंसान विनम्रतापूर्वक मंद हंसी हंसता है. तीसरे में इंसान पूरी तरह दांत निकाल कर हंसता है जिससे बचने की कोशिश की जानी चाहिये. यह शोध ग्लासगो स्थित गो समूह की सहायता से किया गया है.