लंबे समय से पर्यटकों को जिस बात का इंतजार था, आखिर वो खुशखबरी आ गई है. टूरिस्ट अब जल्द भूटान घूमने जा सकेंगे. भूटान का बॉर्डर 23 सितंबर से दुनिया भर के पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. इसके लिए भूटान सरकार ने अपनी टूरिज्म पॉलिसी में कई तरह के बदलाव भी किए हैं. इसका मकसद देश के पर्यटन क्षेत्र में सुधार करना है.
भूटान हमेशा से ही पर्यावरण को लेकर बहुत सतर्क रहा है. भूटान की नई टूरिज्म पॉलिसी में बुनियादी ढांचों, सेवाएं, पर्यटकों के अनुभवों और पर्यावरणीय पर ज्यादा ध्यान देने की कोशिश की गई है. इसके साथ ही भूटान ने विदेशी पर्यटकों से ली जाने वाली फीस भी बढ़ा दी है. भूटान के विदेश मंत्री और पर्यटन परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर टांडी दोरजी ने एक प्रेस रिलीज में कहा, 'इन सारे कदमों का मकसद पर्यटकों को बहुत अच्छा अनुभव देना और हमारे नागरिकों को अच्छी नौकरियां उपलब्ध कराना है.
अब होटल्स, गाईड्स, टूर ऑपरेटर्स और ड्राइवर्स समेत कई सर्विस प्रोवाइडर्स के मानकों में बदलाव किए गए हैं. जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच, भूटान भी इनसे निपटने के अपने प्रयासों को तेज करेगा. नई पॉलिसी में देश को कार्बन-नेगेटिव और पर्यटकों के लिए हरा-भरा डेस्टिनेशन बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे.
बढ़ेगी फीस- अपने प्रयासों पर काम करने के लिए भूटान सरकार ने टूरिस्ट फीस भी बढ़ाने का फैसला किया है. सतत विकास शुल्क को एक रात के स्टे के लिए प्रति व्यक्ति 65 डॉलर (करीब 5100 रुपये) से बढ़ाकर 200 डॉलर (15790 रुपये) कर दिया जाएगा. इसका इस्तेमाल भूटान के पर्यटन को कार्बन न्यूट्रल बनाने और टूरिज्म सेक्टर को और मजबूत बनाने में किया जाएगा.
भारतीयों को मिलेगी छूट- इन सबके बीच भारतीय पर्यटकों के लिए राहत की खबर है. फिलहाल उनके लिए कोई फीस नहीं बढ़ाई गई है और वो पहले की तरह निर्धारित शुल्क देंगे. भूटान की सरकार की तरफ से कहा गया है कि भारतीय समेत क्षेत्रीय पर्टयकों के लिए साल 2022 में 1200 रुपये प्रतिदिन की फीस तय की गई थी लेकिन ये अभी तक लागू नहीं हो सका. सरकार ने कहा है कि आने वाले समय में इसमें भी कुछ संशोधन किया जा सकता है.
वहीं, न्यूनतम दैनिक पैकेज दर (MDPR) को भी हटा दिया जाएगा. ये एक तरह की पैकेज रेट है जो भूटान आने वाले पर्यटकों को न्यूनतम राशि के तौर पर देना होता है. MDPR के तहत पर्यटकों का अनुभव सीमित स्तर तक रह जाता था क्योंकि उन्हे टूर ऑपरेटर्स के दिए गए पैकेज को ही चुनना पड़ता था.
नई पॉलिसी में ये अधिकार पर्यटकों को दिया गया है. टूरिस्ट अब सर्विस प्रोवाइडर्स से सीधा संपर्क कर सकेंगे और ली गई सेवा के मुताबिक ही भुगतान करेंगे. ये बदलाव 20 जून से लागू हो चुका है.
पर्यटन क्षेत्र में इस सुधार से भूटान को काफी उम्मीदें हैं. इस बदलाव का असर देश के हर क्षेत्र पर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है. सरकार की कोशिश है कि यहां के लोगों को ज्यादा कुशल और सक्षम बनाया जा सके ताकि वो अपने ज्ञान और अनुभव से देश को आगे बढ़ाने में मदद कर सकें और उन्हें देश के भीतर ही रोजगार मिल सके.