दुनियाभर में तमाम ऐसे इलाके हैं जहां जनवरी का महीना आते ही कड़ाके की ठंड और बर्फबारी शुरू हो जाती है. हालांकि अफ्रीका और मिडिल ईस्ट के मरुस्थली इलाकों में अक्सर ऐसा नहीं होता है. लेकिन इस साल अफ्रीका के सहारा में जमकर स्नोफॉल हुआ है और सऊदी अरब में टेंपरेचर माइनस 2 डिग्री सेल्सियस तक चला गया है. इन इलाकों में मरुस्थल की पीली रेत बर्फ की सफेद चादर से ढक गई है.
Photo Credit: Reuters (Representational Image)
सहारा मरुस्थल की रेत पर चढ़ी बर्फ की इस सफेद परत की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं. वहीं जियो टीवी के मुताबिक, सऊदी अरब के असीर क्षेत्र में रेगिस्तान में हुई इस दुर्लभ बर्फबारी को देखने स्थानीय निवासी और विदेशी पर्यटक आ रहे हैं.
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सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जहां इलाके में बर्फबारी होते साफ देखा जा सकता है. वैसे देखा जाए तो आमतौर पर सर्दी के मौसम में यहां स्नोफॉल नहीं होता है.
شاهد ‼️
— طقس العرب - السعودية (@ArabiaWeatherSA) January 11, 2021
سبحان الله العظيم😍❄️
تساقط نادر للثلوج في بللسمر التابعة لمنطقة #عسير
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"يالله ترزقنا هالشعور بالرياض 😍❄️" pic.twitter.com/b594xiZw91
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सहारा के अइन सेफरा को मरुस्थल का द्वार कहा जाता है. समुद्र तल से करीब 1000 मीटर ऊंचाई पर स्थित ये इलाका एटलस माउंटेन से घिरा हुआ है. सहारा मरुस्थल उत्तरी अफ्रीका के अधिकांश हिस्से में फैला हुआ है. पिछले हजारों वर्षों में यहां के तापमान और नमी में बड़ा बदलाव देखा गया है.
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अइन सेफरा अभी फिलहाल सूखा पड़ा है, लेकिन 15,000 साल बाद इस रेगिस्तान के एक बार फिर से हरे-भरे होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, सऊदी अरब के असीर प्रांत में हुए इस दुर्लभ स्नोफॉल को लेकर यहां के लोगों ने अपनी खुशी और उत्सुकता जाहिर की है. यहां पहाड़ और रेत दोनों पर बर्फ की सफेद परत चढ़ी है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाके में करीब 50 साल बाद इतने निचले स्तर पर तापमान दर्ज किया गया है. दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में पारा माइनस 2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क चुका है. मरुस्थल की सवारी ऊंट की भी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं.
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आपको बता दें कि रेगिस्तानी इलाकों में बर्फबारी बहुत कम देखने को मिलती है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यहां के लोग इससे बिल्कुल अनजान हैं. रात के वक्त यहां तापमान अचानक से नीचे गिर जाता है. अगले दिन की शुरुआत से पहले ही स्नोफॉल से फैली बर्फ भी पिघल जाती है.
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सहारा के मरुस्थल में इस साल स्नोफॉल जरूर देखा गया है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. साल 2018 में अइन सेफरा (अल्जीरियन सहारा का रेगिस्तानी शहर) जैसे मरुस्थली इलाकों में 40 साल में तीसरी बार इस तरह का स्नोफॉल हो चुका है.
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सहारा के मरुस्थलों में जनवरी 2021 के अलावा, 2018, 2017 और आखिरी रिकॉर्डेड स्नोफॉल साल 1980 में हुआ था. वैसे जनवरी के सबसे ठंडे महीने में यहां का तापमान आमतौर पर 12 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है. जुलाई में गर्मी बढ़ते ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ जाता है.
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