हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक खूबसूरती बहुत मशहूर है. जिन लोगों को एडवेंचर करने और साथ में शांत व रोमांटिक जगह पर घूमने का शौक हो उनके लिए हिमाचल के किन्नौर और स्पीती काफी अच्छी जगह है. की मोनास्ट्री वो जगह है जहां दलाई लामा ने नए मिलेनियम साल के पहले कालचक्र का आयोजन किया था.
प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद इस टूरिस्ट ने कुछ इस अंदाज में लिया.
स्पिति घाटी की खूबसूरती देखते ही बनती है. यहां के हर कोने में आस्था के निशान नजर आएंगे.
पहाड़ों में अभिभावक अपने बच्चों को कुछ इस तरह अपने साथ लेकर चलते हैं.
यहां का किब्बर गांव सबसे ऊंचाई पर बसा हुआ है. यहां सड़कों के किनारे बर्फ का कुछ यह नजारा देखने को मिल जाता है.
यातायात की पर्याप्त सुविधाएं न होने से यहां औरतें लंबी दूरी पैदल चलकर जाती हैं.
भारत-तिब्बत बॉर्डर का आखिरी गांव 'चितकुल' 3450 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है.
नाको झील की खूबसूरती देखकर सब मुग्ध रह जाते हैं.
'एनरूट कंजुम ला' 4500 मीटर की ऊंचाई पर है.
'कल्पा' किन्नौर के किन्नर की सबसे पुरानी राजधानी है.
हिमाचल की सैर यहां के 'पिन वैली' राष्ट्रीय उद्यान को देखे बिना अधूरी रह जाएगी.
ये गुलाबी रंग हिमाचल के हर कोने में नजर आ जाएंगे.
धनकर मॉनेस्ट्री 800 साल पुरानी है.
मॉनेस्ट्री में ध्यान करते मॉन्क.