खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित विख्यात पर्यटन स्थल है. यह भारत में ताजमहल के बाद सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला पर्यटन स्थल है.
खजुराहो स्थापत्य और वास्तुकला का अन्यतम उदाहरण पेश करता है.
खजुराहो को सुंदर अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है, जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं.
चंदेल शासकों ने खजुराहो के मंदिरों को सन् 900 से 1130 के बीच बनवाया था.
खजुराहो देश का प्रसिद्ध पर्यटन और पुरातात्विक स्थल है, जहां हिन्दू और जैन मूर्तिकला से सजे करीब 25 मन्दिर व 3 संग्रहालय हैं.
इन मन्दिरों में 10 मंदिर विष्णु को समर्पित हैं, जिसमें उनका एक सशक्त मिश्रित स्वरूप वैकुण्ठ शामिल है.
नौ मन्दिर शिव, एक सूर्य देवता, एक रहस्यमय योगिनियों (देवियों) के और 5 मन्दिर दिगम्बर जैन सम्प्रदाय के तीर्थकारों के हैं.
खजुराहो के चन्देल वंश का उत्थान दसवीं सदी के शुरू से माना जाता है. इनकी राजधानी महलों, तालाबों तथा मंदिरों से परिपूर्ण थी.
सामान्य रूप से खजुराहो के मंदिर बलुआ पत्थर से निर्मित किए गए हैं. हालांकि चौंसठयोगिनी, ब्रह्मा तथा ललगुआं महादेव मंदिर ग्रेनाइट ये बने हुए हैं.
खजुराहो के मंदिर मध्य भारत की स्थापत्यकला का बेहतरीन व विकसित नमूना पेश करते हैं. ये मंदिर शैव, वैष्णव तथा जैन संप्रदायों से सम्बंधित हैं.
खजुराहो के मंदिर बिना किसी परकोटे के ऊंचे चबूतरे पर निर्मित किए गए हैं.
खजुराहो के मंदिर की मूर्तियां विभिन्न भागों में विभाजित की गई हैं, जिनमें प्रमुख प्रतिमा परिवार, देवी-देवता, अप्सरा, विविध प्रतिमाएं, मिथुन (सम्भोगरत) प्रतिमाएं भी शामिल हैं.
खजुराहो के मंदिरों में जड़ी हुई मिथुन प्रतिमाएं शिल्पकला का अन्यतम उदाहरण हैं.
खजुराहो के प्रमुख मंदिरों में लक्ष्मण, विश्वनाथ, कंदारिया महादेव, जगदम्बी, चित्रगुप्त, दूल्हादेव, पार्श्वनाथ, आदिनाथ, वामन, जवारी, तथा चतुर्भुज इत्यादि हैं.
खजुराहो के मंदिर अपनी भव्य छतों और प्रभावी योजनाओं के लिए भी उल्लेखनीय है.
कैसे जाएं:
खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. खजुराहो निकटतम रेलवे स्टेशनों- महोबा, सतना और झांसी से पक्की सड़कों से भलीभांति जुड़ा हुआ है.
हवाई मार्ग
खजुराहो के लिए दिल्ली, वाराणसी व आगरा से प्रतिदिन विमान–सेवा उपलब्ध है.
रेलमार्ग
खजुराहो के मन्दिर रेल मार्ग से सीधे दिल्ली से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा, दिल्ली-चेन्नई रेलमार्ग पर पड़ने वाले स्टेशनों महोबा, हरपालपुर और झांसी से भी ट्रेन बदलकर खजुराहो जाया जा सकता है.
बस मार्ग
खजुराहो सतना, हरपालपुर, झांसी और महोबा से बस सेवा द्वारा भी जुड़ा हुआ है.
खजुराहो में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए ख़ूबसूरत मंदिरों में की गई कलाकारी एकदम सजीव है.
यह कहा जा सकता है कि खजुराहो के कलात्मक मंदिर देश और दुनिया को एक अनमोल उपहार की तरह हैं.