भारत की खूबसूरती देसी-विदेशी पर्यटकों को खूब लुभाती है और हर रोज हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक यहां घूमने आते हैं. भारत के हर कोने में प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है जो यात्रियों का मनमोह लेता है लेकिन यहां कि कई जगहें ऐसी हैं जहां पर जाने से पहले एक बार सोच लेना ही बेहतर है.
फुगताल मोनेस्ट्री, लद्दाख
इसे फुगताल गोस्पा के नाम से भी जाना जाता है. ऊंची खड़ी पहाड़ी के एक तरफ बनी हुई इस मोनेस्ट्री पर बाहरी लोगों का पहुंचना खतरे से खाली नहीं.
दमस बीच, गुजरात
गुजरात के समुद्री तट पर स्थित दमस बीच जिसे लोग डुमस बीच भी कहते हैं अपनी रहस्यमयी पहचान के लिए पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है. यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है और सूर्य अस्त होने के बाद यहां पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं.
अकसई चिन, जम्मू-कश्मीर
अक्साई चिन या अक्सेचिन चीन, पाकिस्तान और भारत की सीमा पर स्थित तिब्बती पठार के उत्तरपश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है. यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है. किसी खूबसूरती आपको यहां जाने पर मजबूर कर देगी लेकिन क्या आप जानते हैं यह दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है.
द्रास, लद्दाख
इसको लद्दाख का द्वार भी कहते है. यह दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह है और इसी के साथ यह आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र भी है. यहां अगर आप आतंकियों की गोलियों से बच गए तो ठंड से बचना मुश्किल है.
चंबल घाटी, मध्यप्रदेश
चंबल घाटी अपने खौफनाक इतिहास के लिए जानी जाती है क्योंकि एक जमाने में यहां पर डाकुओं का राज था और कहा जाता है कि अभी भी यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं है.
खरदुंग ला, लद्दाख
खरदुंग ला दुनिया की सबसे ऊंची रोड है. यहां पर सीधी चमकती धूप, तेज हवा और कम ऑक्सीजन अधिकतर लोगों को यहां से जल्द ही वापस लौटने पर मजबूर कर देती हैं.
मानस नेशनल पार्क, असम
मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है. इसे यूनेस्को नेचुरल वर्ल्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया है. इसकी सुंदरता में खो मत जाइएगा क्योंकि यहां पर बोडो उग्रवादियों का कब्जा है जो आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं.
निकोबार, आयलैंड
इस आयलैंड में समुद्री तट की खूबसूरती देखने के लिए पर्यटकों को परमिशन की जरूरत होती है. यहां के जंगलों में आदिवासियों का कब्जा है इसलिए यहां जाने से पहले सारी जानकारी इकट्ठा कर लें.
फुलबानी, ओडिशा
भुवनेश्वर से 200 किलोमीटर दूर इस गांव का नैसर्गिक सौंदर्य आपको अपनी ओर खींचने के लिए काफी है लेकिन यहां जाना खतरे से खाली नहीं है. यहां पर भी माओवादी हर कोने पर फैले हुए हैं.
साइलेंट वैली, केरल
साइलैंट वैली राष्ट्रीय उद्यान उत्तरी केरल के पालक्काड जिले के मन्नारकाड से 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. पिछले कुछ समय से माओवादी हमलों के बाद इस जगह को पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है.
बस्तर, छत्तीसगढ़
भारत का नियाग्रा फाल कहा जाने वाला चित्राकूट बस्मर में ही स्थित है लेकिन यहां पर फैला नक्सली आतंक पर्यटन के लिहाज से बहुत खतरनाक है.
तुरा, मेघालय
तुरा में फैला प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है लेकिन यहां पर भी आतंक का खौफ फैला हुआ है.
बेरेन आयलैंड, अंडमान
अंडमान बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह का उत्तरी भाग है. अंडमान के आंचल में मूंगे की दीवारों, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी यादों से जुड़े खंडहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां मौजूद हैं और इसी के साथ यहां पर भारत का एक मात्र ज्वालामुखी भी है.