कोरोना की दूसरी लहर की सबसे ज्यादा मार पर्यटन के क्षेत्र पर पड़ी है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ने पर्यटकों के लिए अप्रैल में अपने बॉर्डर बंद कर दिए थे. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दोनों राज्यों में सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया था. इन दोनों राज्यों को सबसे ज्यादा राजस्व पर्यटन से ही मिलता है. यही वजह है कि लॉकडाउन की वजह से इन राज्यों को आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
हालांकि, कोरोना के घटते मामलों और पूरे देश में तेजी से चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के बीच राज्यों को अनलॉक करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. दिल्ली-एनसीआर के टूरिस्ट गर्मियों की छुट्टियां मनाने के लिए एक बार फिर पहाड़ों पर जा सकते हैं. इसके लिए, हिमाचल और उत्तराखंड ने पर्यटकों के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है जिसका पालन करना अनिवार्य है.
हिमाचल प्रदेश की नई गाइडलाइन- हिमाचल प्रदेश की सरकार ने शुक्रवार को (11 जून 2021) को कोविड को लेकर लागू पाबंदियों में और ढील दी है. नई गाइडलाइन के मुताबिक, हिमाचल आने वाले पर्यटकों को अब अपने साथ RT-PCR Covid-19 नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य नहीं होगा. राज्य में धारा-144 हटा ली गई है. हिमाचल में दुकानें भी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने की इजाजत दे दी गई है. हालांकि, शनिवार-रविवार दुकानें बंद रहेंगी. इसके अलावा, शाम 5 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा.
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से एक सर्कुलर भी जारी किया गया है जिसमें कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं.
सभी पर्यटकों को गृह मंत्रालय एवं पर्यटन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुरक्षा एवं स्वच्छता के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा.
उत्तराखंड की गाइडलाइन- उत्तराखंड में 15 जून तक लॉकडाउन रहेगा. इसके बाद सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक केवल कुछ छोटी दुकानें और बाजार ही खुले सकेंगे. राज्य सरकार ने अभी तक होटल, रेस्टोरेंट और रिजॉर्ट को खोलने की इजाजत नहीं दी है.
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अपनी RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. लेकिन गढ़वाल से कुमाऊं और कुमाऊं से गढ़वाल आने-जाने वाले लोग बिना कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट के आ-जा सकते हैं. राज्य के बाहर से आने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी के वेब पोर्टल 'http://smartcitydehradun.uk.gov.in' पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
उत्तराखंड में कोरोना वायरस से पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. इस बीच, होटल व्यवसायियों, सड़क किनारे लगने वाले भोजनालयों के मालिकों, टूर और ट्रैवल ऑपरेटर्स और एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े लोगों ने सरकार की तरफ से मिले राहत पैकेज से उम्मीद जताई है.
उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'पर्यटन हमारे आजीविका का सहारा है और महामारी के कारण इसे कई स्तरों पर नुकसान हुआ है.' महाराज ने कहा कि 2021 में दूसरी लहर से हुए नुकसान का अभी अनुमान नहीं लगाया गया है, लेकिन 2020 में इस क्षेत्र को 1600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, इसके अलावा 23,000 लोग बेरोजगार हो गए हैं.