सोनमर्ग कश्मीर घाटी का एक बेहद रमणीक पर्यटन-स्थल है, जो कि समुद्रतल से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
सिंध नदी के दोनों ओर फैले यहां के 'मर्ग' यानी मैदान सोने-से सुंदर दिखाई देते हैं, इसीलिए इसे 'सोनमर्ग' (सुनहरा मैदान) कहा गया है.
जिस प्रकार उत्तराखंड में पहाडी़ ढलवां मैदानों को बुग्याल कहते हैं, वैसे ही कश्मीर में उन्हें मर्ग कहते हैं. यह भी जान लीजिए कि 'गुलमर्ग' का अर्थ है फूलों का मैदान.
सोनमर्ग की बेहद खूबसूरत वादी पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है.
विशाल हिमनदों के सामने खडे़ होकर प्रकृति की विशालता का एहसास मन में रोमांच पैदा कर देता है.
सोनमर्ग की अवस्थिति: सोनमर्ग जम्मू-कश्मीर राज्य के श्रीनगर के करीब स्थित है.
सोनमर्ग का अर्थ घास का सुनहरा मैदान होता है.
सोनमर्ग समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
सोनमर्ग श्रीनगर के उत्तर-पूर्व से 87 किमी की दूरी पर स्थित है.
सोनमर्ग पर स्थित सिंध घाटी कश्मीर की सबसे बड़ी घाटी है. यह घाटी लगभग 60 मील लम्बी है.
कश्मीर घाटी में श्रीनगर से चाहे किसी भी दिशा में जाया जाए, प्रकृति के बेहद मनोरम दृश्य नजर आते हैं.
ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने अपना खजाना यहीं समेट रखा है.
राजमार्गों पर लगे दिशा-निर्देशों पर लिखे अनेक शहरों के नाम सैलानियों को आकर्षित करते हैं.
अधिकतर सैलानी, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम आदि घूमने जाते हैं.
सोनमर्ग के रास्ते में कई छोटे-छोटे सुंदर गांव मिलते हैं.
आसपास धान के खेत आंखों को सुकून पहुंचाते हैं.
सीधी लंबी सडक के दोनों और ऊंची दीवार के समान दिखाई पड़ती पेडों की कतार अत्यंत भव्य दिखाई देती है.
पुरानी फिल्मों में इन रास्तों के बीच कई गीत फिल्माए गए हैं.
तंग मार्ग के बाद ऊंचाई बढ़ने के साथ ही घने पेड़ों का सिलसिला शुरू हो जाता है.
जब सैलानी सोनमर्ग पहुंचते हैं, तो घास का विस्तृत तश्तरीनुमा मैदान देखकर सुध-बुध खो बैठते हैं.
सोनमर्ग से घुड़सवारी करके थाजिवास ग्लेशियर भी देखा जा सकता है.
यहां भी ग्लेशियर पर घूमने का आनंद लिया जा सकता है.
प्रतिवर्ष होने वाली अमरनाथ यात्रा का एक मार्ग सोनमर्ग से बालटाल होकर भी है. यहां से लद्दाख के रास्ते में पड़ने वाला जोजीला दर्रा 30 किमी दूर है.
मार्ग में पाम्पोर में केसर के खेत दिखाई देते हैं. जगह-जगह क्रिकेट के बैट रखे नजर आते हैं.
यहां की विलो-ट्री की लकडी से क्रिकेट के बैट बनाए जाते हैं.
नदी पर कई जगह बने लकडी़ के पुल और दूर दिखते हिमशिखर बेहद मनोरम दृश्य पेश करते हैं.
देवदार के जंगल, झरने और फूलों के मैदान तो जगह-जगह नजर आते हैं.
कैसे जाएं सोनमर्ग: यह स्थान श्रीनगर के उत्तर-पूर्व से 87 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
ध्यान रखने वाली बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से श्रीनगर 876 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
साथ ही दिल्ली से जम्मू की दूरी 583 किलोमीटर है.
वायु मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा श्रीनगर एयरपोर्ट है.
इंडियन एयरलाइंस दिल्ली, अमृतसर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अहमदाबाद और मुम्बई से श्रीनगर के लिए उड़ान भरती है.
रेल मार्ग: सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मूतवी है.
जम्मूतवी रेलवे स्टेशन से श्रीनगर 293 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
सड़क मार्ग: श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है.
कहां ठहरें: श्रीनगर में ठहरने के लिए कई नामचीन होटल उपलब्ध हैं.
ठहरने के कुछ प्रमुख स्थान इस प्रकार हैं: मीना ग्रुप हाऊसबोट, डल झील, श्रीनगर. होटल ग्रांड मुमताज, एम.ए. रोड, श्रीनगर, इंटरकांटिनेंटल द ग्रैंड पैलेस श्रीनगर, गुप्कर रोड, श्रीनगर, जम्मू व कश्मीर पर्यटन विकास निगम, श्रीनगर.
श्रीनगर से विभिन्न शहरों से दूरी:
जम्मू- 293 किलोमीटर
लेह- 434 किलोमीटर
कारगिल- 204 किलोमीटर
गुलमर्ग- 52 किलोमीटर
दिल्ली- 876 किलोमीटर
चंडीगढ़- 630 किलोमीटर
पर्यटन के अलावा जम्मू-कश्मीर राज्य पर एक नजर डालना आवश्यक है.
जम्मू-कश्मीर का कुल क्षेत्रफल 141 वर्ग किलोमीटर है.
समुद्र तल से ऊंचाई 1700 मीटर से लेकर 4000 मीटर तक है.
प्रदेश में कश्मीरी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा बोली और समझी जाती है.
यहां का एसटीडी कोड 0194 है.
यहां अमूमन सालोंभर सैलानी आते रहते हैं.
सोनगर्म के ऊंचे-ऊंचे पर्वत-शिखर और मैदान अत्यंत मनोरम नजर आते हैं.
ठंड में धूप के कारण कोहरा जैसा दृश्य स्थित हो जाता है.
जमे हुए बर्फ का दृश्य सैलानियों का खूब भाता है.
पहाड़ों की गोद में बसे गांव सुंदर लगते हैं.
जनसंख्या का घनत्व कम है, फिर भी यह जगह सैलानियों की आवाजाही से गुलजार रहती है.
सड़कें भी चौड़ी और शानदार हैं, जिससे दूरी का आभास नहीं हो पाता है.
नदियों के ऊपर मजबूत पुल बने हैं, जो काफी भव्य मालूम पड़ते हैं.
ठंड के दिनों में नदियों और झीलों का जल जम जाता है.
कलकल करती नदियां ऐसी लगती हैं, मानो वे कोई गीत गुनगुना रही हों.
इस भूभाग की सुंदरता देखकर ही तो इसे धरती के स्वर्ग की संज्ञा दी गई है.
पहाड से नीचे आती नदियां मनोरम दृश्य पैदा करती हैं.
नदी का उद्गम देखने लायक होता है.
नदियों का पानी दूध-सा धवल प्रतीत होता है.
अहा, यह सीन देखकर तो मजा आ गया.
जमे हुए जलाशय सुंदर क्रिस्टल-से मालूम पड़ते हैं.
बेहद खूबसूरत...ये हरियाली और ये (दुर्गम) रास्ता...
पहाड़ों के बीच से सरकती नदियां मनमोहक लगती हैं, जिसे देखने पर्यटक दूर-दूर से आते हैं.
इसे ही कहते हैं, जमीं पर जन्नत का नजारा...
पर्यटक ऐसे ही दृश्यों को कैमरे में कैद करने सोनमर्ग आते हैं.
सोनमर्ग बहुत ही रमणीक जगह है, इस दृश्यों को देखकर यह बात साबित हो जाती है.
इसे देखकर तो यही कहा जा सकता है, अति सुंदर.
प्रकृति का बेहद मनोरम नजारा यहां साफ देखा जा सकता है.
सूर्य की किरणों से चमकता पर्वत-शिखर.
वापसी के बाद भी सारे दृश्य सैलानियों के मन पर छाए रहते हैं.
...और अब पूरा हुआ सोनमर्ग का सुहाना सफर.