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बर्फ से ढकी चोटियां, खूबसूरत कॉटेज और पानी पर बहते शिकारे, ये तमाम खासियत कश्मीर को धरती का स्वर्ग बनाती हैं. कश्मीर को भारत का सबसे अच्छा हनीमून डेस्टिनेशन भी माना जाता है. लेकिन यहां आने वाले टूरिस्ट केवल गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, युसमर्ग और श्रीनगर जैसी कुछ फेमस जगहों पर ही घूमकर निकल जाते हैं. जबकि कश्मीर की असली खूबसूरती पहाड़ों में बसे छोटे-छोटे गांवों में छिपी है, जिन्हें बहुत कम लोग एक्सप्लोर करते हैं. आइए आज आपको कश्मीर की 10 ऐसी खूबसूरत जगहों के बारे में बताते हैं, जिन्हें अब तक बहुत कम लोगों ने एक्सप्लोर किया है. साथ ही यहां ठहरने के बंदोबस्त और आसान रूट के बारे में भी जानेंगे.
बंगुस कश्मीर की सबसे कम एक्सप्लोर की जाने वाली जगहों में शुमार है. बंगुस वैली कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में स्थित है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. वनस्पति और जंगली जीवों से भरी ये जगह शायद दुनिया की सबसे खूबसूरत डेस्टिनेशन में से एक है. देवदार के जंगल और तिलवान कुल, डौडा कुल और रोशन कुल की आनंदमय धाराओं में ऊंचे पर्वतों का प्रतिबिंब नजर आता है.
कब जाएं?
अप्रैल से अक्टूबर के बीच आप कभी भी बंगुस वैली जा सकते हैं.
कैसे पहुंचे बंगुस वैली?
बंगुस वैली श्रीनगर एयरपोर्ट से करीब 90 किलोमीटर दूर है. कुपवाड़ा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन 64 किलोमीटर दूर बारामूला में है, जिस पर काम जारी है. बंगुस वैली जाने के लिए आपको श्रीनगर से शेयर कैब और बसें भी मिल जाएंगी.
कहां ठहरें?
बंगुस वैली के ट्रेक का लुत्फ उठाने के लिए यात्रियों को पहले कुपवाड़ा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी पड़ती है. इसके बाद टूरिस्ट रेशवाड़ी गांव में मवार नदी के तट पर बने गेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं. इसके अलावा, बंगुस वैली में बुनियादी सुविधाओं के साथ सरकार संचालित हट भी उपलब्ध हैं.
चटपाल (Chatpal) कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित एक छोटी सी डेस्टिनेशन है. कश्मीर की सबसे खूबसूरत जगहों में इसका नाम आता है. घने जंगल और हरे-भरे पहाड़ों से घिरी ये जगह एक प्राकृतिक खजाना है, जहां शांत माहौल में फ्रेंड्स, फैमिली के साथ सुकून के कुछ पल बिताए जा सकते हैं. चटपाल के आस-पास जंगल में एक छोटा सा ट्रेक एडवेंचर लवर्स को यकीनन बहुत पसंद आएगा.
कब जाएं चटपाल?
कश्मीर के हर मौसम की अपनी अलग खासियत होती है. हालांकि, चटपाल घूमने का सबसे अच्छा मौसम गर्मियों का होता है. इस दौरान यहां का तापमान करीब 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. रंगबिरंगे फूल और हरियाली देखने के लिए गर्मियों का मौसम सही है. अगर आप स्नो फॉल देखना चाहते हैं तो यहां दिसंबर-जनवरी में घूमने आएं.
कैसे पहुंचे चटपाल?
कश्मीर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट श्रीनगर में है. यहां से 90 किलोमीटर दूर चटपाल जाने के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं. जम्मू में इसका सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है. आप अनंतनाग-चितरगुल रोड़ से होते हुए यहां पहुंच सकते हैं. चितरगुल जाने के लिए आपको अचबल से शेयर कैब मिल सकती हैं. चितरगुल से चटपाल जाने के लिए आपको एक स्पेशल जीप लेनी होगी.
कहां ठहरे?
जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा बनाया गया एक फुली फर्निश्ड टूरिस्ट बंगला चटपाल में ठहरने की सबसे अच्छी जगह है. यहां आपको हर बुनियादी सुविधा बड़े आराम से मिल जाएगी.
दक्सुम वैली भृंगी नदी के तट पर स्थित है जो कि अचबल के मुगल गार्डन से थोड़ा आगे है. दक्सुम में हर वो खासियत है जिसकी तलाश आमतौर पर टूरिस्ट को रहती है. कलाकारों के लिए प्रकृति का सौंदर्य, एडवेंचर लवर्स के लिए ऊंचे पर्वत, परिवार के लिए पिकनिक स्पॉट और कपल के लिए रोमांटिक डेस्टिनेशन, ये सभी बातें दक्सुम को खास बनाती हैं.
कब जाएं?
दक्सुम वैली जाने का सबसे अच्छा मौसम गर्मियों में होता है. इस दौरान टूरिस्ट यहां ट्रेकिंग, फिशिंग और कैम्पिंग का मजा ले सकते हैं. अगर आप स्नो फॉल देखना चाहते हैं तो नवंबर से फरवरी के बीच ही यहां जाएं.
कैसे पहुंचे?
श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद अनंतनाग जाने के लिए कैब या बस हायर करें. इसके बाद अचबल और कोकेरनाग होते हुए आप दक्सुम वैली पहुंच सकते हैं. आप जम्मू रेलवे स्टेशन पहुंचने के बा यहां से भी टैक्सी या कैब ले सकते हैं. श्रीनगर से भी आप सड़क मार्ग के जरिए आसानी से दक्सुम पहुंच सकते हैं.
करनाह कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में स्थित एक बेहद सुंदर जगह है. हरे-भरे मैदान और आसमान छूती चोटियां इस जगह की खूबसूरती को बयां करते हैं. इस वैली में मौजूद कई छोटे-छोटे गांव करनाह वैली की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. तांगदर, तीथवाल, गुंडी गुजरन, अमरोही और सैदपुरा जैसे गांवों का खूबसूरत नजारा आपको एक अलग दुनिया का एहसास दिलाएगा.
कब जाएं?
अगर आप हरे-भरे मैदान और जंगल देखना चाहते हैं तो यहां गर्मियों में विजिट करें. अगर आपको बर्फ की चादर ओढ़े पर्वतों का नजारा देखना है तो सर्दियों के मौसम में यहां आ सकते हैं. दिसंबर-फरवरी के बीच यहां स्नो फॉल भी होता है.
कैसे पहुंचे?
करनाह वैली कुपवाड़ा से 78 किलोमीटर और किश्तवाड़ से 86 किलोमीटर दूर है. यहां पहुंचने के लिए शम्सबरी रेंज के ऊपर साधना पास से होकर गुजरना पड़ता है. आप श्रीनगर एयरपोर्ट से पहले कुपवाड़ा पहुंचिए. इसके बाद बस या कैब की मदद से करनाह वैली जाएं.
गुरेज कश्मीर की वादियों में छिपा एक खूबसूरत गांव है जो लगभग 2400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. बांदीपुरा से करीब 86 किलोमीटर और श्रीनगर से तकरीबन 123 किलोमीटर दूर स्थित गुरेज बर्फ की चादर से ढके पहाड़ों से घिरा है. यहां से किशनगंगा नदी का खूबसूरत नजारा दिखाई पड़ता है. इस घाटी में आपको बर्फ में रहने वाला दुर्लभ तेंदुआ और ब्राउन भालू भी देखने को मिल सकता है.
कहां ठहरें?
जम्मू-कश्मीर द्वारा संचालित डाक बंगला गुरेज वैली में ठहरने की सबसे अच्छी जगह है. हालांकि, यहां काका पैलेस गेस्ट हाउस, सिकंदर होटल और नूरानी होटल जैसे विकल्प भी मौजूद हैं. आप चाहें तो यहां के बाशिंदों से भी उनके घरों को गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पूछ सकते हैं.
कब जाएं?
भारी स्नो फॉल की वजह से सर्दियों के मौसम में गुरेज वैली बंद रहती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्मियों में ही यहां विजिट करें.
कैसे पहुंचे?
गुरेज वैली जाने के लिए उधमपुर से श्रीनगर जाने वाली बस या शेयर टैक्सी लेना बेहतर होगा. आप श्रीनगर एयरपोर्ट से भी बस या टैक्सी लेकर यहां पहुंच सकते हैं.
दुनिया के शोर-शराबे से दीर वारवान वैली मन को खुश कर देने वाली डेस्टनेशन है. ये जगह जम्म-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से करीब 150 किलोमीटर दूर है. आप अनंतनाग जिले से 3 घंटे ड्राइव करके यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. वारवान नदी की मधुर धारा जिसका स्रोत विशाल कनिताल ग्लेशियर है, टूरिस्ट को एक खास अनुभव देता है. ट्रेकिंग करने वालों के लिए ये जन्नत है. पहलगाम में शेषनाग-सुखनई-चितरगुल और सुखनाई-कनितल-पनिखर जैसे खूबसूरत ट्रेक हैं.
कहां ठहरें?
वारवान वैली के इंशान गांव में ठहरने की जगह मिल जाएगी. लेकिन बेहतर होगा कि आप यहां घूमने के बाद आप वापस कोकरनाग पहुंच जाएं. यहां आपको रहने के लिए ज्यादा बेहतर जगह मिल जाएगी.
कब जाएं?
वारवान वैली पूरे साल टूरिस्ट के लिए नहीं खुलता है. अगर आप ये जगह देखना चाहते हैं तो इसके लिए जून से अक्टूबर के बीच यहां आना होगा.
कैसे पहुंचे?
वारवान वैली पहुंचने के लिए दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग से गाड़ी चलाकर आप करीब 3 घंटे में यहां पहुंच सकते हैं.
लोलाब वैली को वादी-ए-लोलाब भी कहा जाता है. लोलाब वैली बहुत फेमस भी है और सड़क मार्ग के जरिए यहां पहुंचना भी बहुत आसान है. ये जगह सेब के बाग, झरने और धान के खेतों से घिरी हुई है. लोलाब कलारूस, पोटनई और ब्रुनई नाम की तीन रहस्यमय घाटियों से मिलकर बना है. हिमालय की घाटी में रहने वाला काला भालू, बर्फ में रहने वाला तेंदुआ, जंगली भेड़ और कश्मीरी बारहसिंगा भी देखने को मिलेगा.
कहां ठहरें?
लोलाब से आगे चांदीगाम में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा टूरिस्ट के ठहरने की व्यवस्था की गई है. आपके ठहरने का बंदोबस्त यहां आराम से हो जाएगा.
कब जाएं?
लोलाब जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून के बीच होता है. यहां आप अखरोट, आडू, सेब और चेरी के बाग भी देख सकते हैं.
कैसे पहुंचे?
श्रीनगर एयरपोर्ट से बस या कैब लेकर आप पहले कुपवाड़ा पहुंचिए और फिर लोलाब जाने के लिए अलग से टैक्सी लीजिए. सड़क मार्ग के जरिए आप NH1 से भी यहां पहुंच सकते हैं.
अगर आपने ने कश्मीर की खूबसूरत वादियों का अनुभव आपने पहले कभी नहीं किया है तो वाटलाब आपके लिए बिल्कुल सही जगह है. प्रकृति से प्यार करने वालों को ये जगह बहुत पसंद आती है. पहाड़ी की चोटी पर स्थित बाबा शुकुरद्दीन की दरगाह के लिए भी वाटलाब बहुत फेमस है. यहां पहुंचने के बाद आपको वुलर लेक का नजारा दिखाई देगा, जो कि एशिया में ताजे पानी की सबसे बड़ा नदी है.
कहां ठहरें?
वाटलाब के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस टूरिस्ट के ठहरने के लिए सबसे अच्छी जगह है. ये जगह रेस्ट हाउस सेब के बाग और हरे-भरे जंगलों के बीचोबीच है. यहां पहुंचकर यकीनन आपका मन खिल उठेगा.
कब जाएं?
वाटलाब जाने के लिए गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा है. इस दौरान मौसम साफ रहता है तो आप पशु, पक्षी और मछलियों को भी आसानी से देख पाएंगे. हालांकि रेनफॉल या स्नोफॉल देखने के लिए आपको सर्दियों में ही आना होगा.
कैसे पहुंचे?
वाटलाब जाने के लिए आपको श्रीनगर एयरपोर्ट से बस या कैब लेकर 56 किलोमीटर आगे सोपोर जाना होगा. सोपोर से ये जगह सिर्फ 8 किलोमीटर दूर है, जहां आप टैक्सी या कैब की सहायता से आसानी से पहुंच सकते हैं.
यदि आप कश्मीर को बहुत करीब से समझना और देखना चाहते हैं तो भदेरवाह जाना ना भूलें. ये जगह जम्मू-कश्मीर के डोडो जिले में हिमालय की तलहटी में स्थित है. चट्टानी इलाका होने की वजह से एडवेंचर एक्सप्लोरर को भदेरवाह बहुत पसंद आता है. विचित्र वनस्पति, पशु-पक्षी और हरे-भरे पहाड़ इस जगह की पहचान हैं. चूंकि यहां विभिन्न प्रकार के सांपों की प्रजातियां भी पाई जाती हैं, इसलिए इसे नागों की भूमि भी कहा जाता है.
कब जाएं?
भदेरवाह जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियां है. इस दौरान आपको यहां एडवेंचर्स के कई मौके मिलेंगे. यहां का खुशनुमा मौसम आपको यहां से लौटने नहीं देगा.
कहां ठहरें?
यहां ठहरने के लिए बागवान गेस्ट हाउस, टीआरसी भदेरवाह, विनर गेस्ट हाउस और स्नो वैली गेस्ट हाउस जैसे कई प्राइवेट और सरकारी आवास हैं.
कैसे पहुंचे?
भदेरवाह का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जम्मू में है. जम्मू एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी लेकर आसानी से भदेरवाह जा सकते हैं. इसके अलावा जम्मू रेलवे स्टेशन से भदेरवाह करीब 206 किलोमीटर दूर है. आप जम्मू से बस लेकर 6-7 घंटे और उधमपुर से बस लेकर 5-6 में भदेरवाह पहुंच सकते हैं.
तुलई वैली
अपने कश्मीर टूर में अगर आप तुलई वैली को शामिल करें तो ये सफर और भी ज्यादा रोमांचक हो सकता है. तुलई वैली कश्मीर की वादियों में छिपा एक खजाना है. अच्छी बात ये है कि आप गुरेज वैली के साथ एक दिन में तुलई वैली का सफर पूरा कर सकते हैं. गुरेज से तुलई जाते वक्त बरनाई, काश्पात और जरगाई जैसे कई खूबसूरत गांव रास्ते में पड़ेंगे. तुलई वैली में जाने के लिए आपको डावर पुलिस स्टेशन से अनुमति लेनी होगी.
कैसे पहुंचे?
श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप शेयर टैक्सी या बस लेकर यहां आसानी से जा सकते हैं. श्रीनगर से तुलई बाई रोड़ जाने में आपको लगभग 6-7 घंटे का वक्त लगेगा.
कब जाएं?
तुलई वैली घूमने का सबसे अच्छा मौसम गर्मी है. शहरों के शोरगुल से दूर अगर आप फैमिली या फ्रेंड्स के साथ कुछ यादगार पल बिताना चाहते हैं तो अप्रैल से जून के बीच यहां जरूर आएं.