दुनिया की सबसे ऊंची चोटी हिमालय के एवरेस्ट पर चढ़ाई करना लगभग हर पर्वतारोही की चाह होती है. लेकिन इस चाह ने कइयों की जान भी ले ली है. इस साल एवरेस्ट पर चढ़ाई का सीजन शुरू होते ही सैकड़ों पर्वतारोहियों का जुटान एवरेस्ट पर होने लगा और बीते हफ्ते पांच पर्वतारोहियों के मरने की भी खबर आई है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सैकड़ों लोग रस्सी के सहारे एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश में हांफते और धीरे-धीरे ऊपर सरकने की कोशिश करते दिख रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे एवरेस्ट पर ट्रैफिक जाम हो गया है.
एवरेस्ट पर्वत के साउथ कॉल के इस वीडियो को भारतीय पर्वतारोही राजन द्विवेदी ने शेयर किया है जो शिखर के नजदीक के कैंप 4 का वीडियो है. पिछले 10 सालों से एवरेस्ट पर चढ़ने का सपना देख रहे राजन ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें लोग बेहद धीमी गति से मुश्किल हालात का सामना कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
इंस्टाग्राम पोस्ट जो अब वायरल हो गया है, उसमें देखा जा सकता है कि सैकड़ों पर्वतारोही शिखर पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वो थोड़ा भी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. राजन ने यह वीडियो तब शूट किया जब वो एवरेस्ट पर चढ़ाई के बाद नीचे उतर रहे थे.
पोस्ट के कैप्शन में राजन ने लिखा, 'मैंने देखा कि कई पर्वतारोही काफी मुश्किल स्थिति में रस्सी पर लटके हुए थे और उनके शेरपा को उन्हें नीचे खींचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.'
'जोंबी' की तरह एवरेस्ट पर चढ़ते पर्वतारोही
21 मई को उन्होंने अपने एवरेस्ट मिशन के दौरान एक अपडेट शेयर किया जिसमें वो बता रहे थे कि पर्वतारोही एवरेस्ट चढ़ने की कोशिश करते हुए जॉम्बी की तरह लग रहे थे. उनकी हालत ऐसी हो गई थी जैसे वो नींद में हों.
उन्होंने लिखा, 'वे कांप रहे थे और रो रहे थे जिससे ट्रैफिक जाम हो गया.' राजन के मुताबिक, एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश करने वालों में बहुत से लोग ऐसे थे जो ठीक ढंग से प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें पर्वतारोहण का कोई अनुभव नहीं था.
वीडियो ऐसा है जो बिना सही प्रशिक्षण और अनुभव के एवरेस्ट पर चढ़ने की इच्छा रखने वालों को दोबारा सोचने पर मजबूर करता है.
साल 2019 में भी एवरेस्ट पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला था जब एक तस्वीर में सैकड़ों की संख्या में पर्वतारोही फंसे दिख रहे थे. इसे एवरेस्ट पर ट्रैफिक जाम कहा गया.
एवरेस्ट चढ़ाई 'सबसे खराब तरह का साहसिक पूंजीवाद'
ब्रिटेन के लेखक इयान कैमरून ने एवरेस्ट की चढ़ाई को 'सबसे खराब प्रकार का साहसिक पूंजीवाद' करार दिया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक ट्वीट में ग्लेशियरों के जानकार और शोधकर्ता कैमरन ने कहा कि एवरेस्ट की चढ़ाई करना उनकी लिस्ट में है ही नहीं.
उन्होंने लिखा, 'मैं फिट और सक्षम हूं और शायद एवरेस्ट पर चढ़ने का खर्च भी उठा सकता हूं लेकिन मेरी ऐसा करने की कोई इच्छा नहीं है.'
वहीं, कुछ लोग एवरेस्ट की चढ़ाई को 'ईगो टूरिज्म' कह रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि लोग इतनी ऊंचाई पर लंबी लाइनों में खड़े होने के लिए हजारों डॉलर खर्च करेंगे.
एवरेस्ट पर चढ़ने की होड़ में जान गंवा रहे लोग
एवरेस्ट पर खराब दृश्यता और ऊंचाई पर रेस्क्यू अभियान के कारण बीते हफ्ते शिखर तक पहुंचने के लिए रस्सियों की लंबी कतार लग गई. इसी भीड़-भाड़ के बीच बीते मंगलवार को पहाड़ पर एक किनारा गिरने से छह पर्वतारोही गिर गए.
आउटसाइड मैगजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, "हिलेरी स्टेप" के ठीक नीचे बर्फ की एक पतली परत खिसक गई, जिससे वे नीचे गिर पड़े. चार पर्वतारोहियों को तो रेस्क्यू कर लिया गया लेकिन दो लापता हैं और उनका कोई पता नहीं चल पाया है.
बुधवार को हिमालयन टाइम्स ने लापता लोगों का नाम ब्रिटेन के 40 वर्षीय डेनियल पॉल पीटरसन और 23 साल के नेपाली पास तेनजी शेरपा बताया. एवरेस्ट सीजन 2024 में अब तक पुष्ट मौतों की संख्या पांच हो गई है.
पिछले हफ्ते दो मंगोलियाई पर्वतारोहियों की शिखर से उतरते समय मृत्यु हो गई थी. सोमवार को एक रोमानियाई पर्वतारोही गेब्रियल तबारा एवरेस्ट कैंप 3 में मृत पाया गया था.
गंदा, खतरनाक और भीड़-भाड़ वाला एवरेस्ट
परमिट और ऑपरेटरों की बढ़ती संख्या के साथ, एवरेस्ट के रास्ते पर माउंटेन टूरिज्म के दुष्प्रभाव बढ़ते जा रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में 1953 के तेनजिंग और हिलेरी अभियान के अंतिम जीवित सदस्य, 91 साल के कांचा शेरपा ने कहा कि पहाड़ उनकी कल्पना से कहीं अधिक गंदा और भीड़भाड़ वाला हो गया है. तेनजिंग और हिलेरी एवरेस्ट फतह करने वाले पहले दुनिया के पहले लोग थे.
कांचा शेरपा समाचार एजेंसी एपी से बात करते हुए कहते हैं, 'एवरेस्ट अब बहुत गंदा हो गया है. लोग खाना खाने के बाद डिब्बा वहीं फेंक देते हैं. अब उन्हें कौन उठाएगा?” कुछ पर्वतारोही अपना कूड़ा-कचरा दरार में डाल देते हैं, जो उस समय छिपा रहता है, लेकिन बाद में बर्फ पिघलने पर यह बेस कैंप तक बहकर आ जाएगा और फिर ये कचरा नीचे की तरफ आएगा.'
पिछले साल माउंटेन गाइड तेनजी शेरपा ने एवरेस्ट कैंप 2 पर पहुंचने के अपने अनुभव को बेहद खराब बताया था. उनका कहना था कि मैंने अब तक जितने भी कैंप देखे हैं, यह उन सब में सबसे गंदा कैंप था. उन्होंने नेपाली पर्यटन मंत्रालय से आह्वान किया कि ऊंचाई पर कूड़ा छोड़ आने वालों को सजा दी जाए.