बैंगलुरू और मांड्या की जीवनरेखा कही जाने वाली कावेरी नदी पर कर्नाटक सरकार ने एक टूरिज्म गैलरी बनाने का फैसला लिया है. यह गैलरी मैसूर में बनेगी और इसमें तमिलनाडु और कर्नाटक, जिन दो राज्यों से यह बहती है, के बारे में काफी कुछ दिखाया व बताया जाएगा.
इस गैलरी में नदी के उद्गम, इतिहास, महत्व अादि की जानकारी दी जाएगी. इस गैलरी द्वारा पर्यटकों को यह भी बताया जाएगा कि कावेरी नदी किस तरह किसानों की जिंदगी में बदलाव लाती है. इसके अलावा, उन मुद्दों को भी दर्शाया जाएगा जो इसके अस्तित्व के लिए खतरा बने हुए हैं.
आपको बता दें कि कर्नाटक में मैसूर अपने भव्य स्थानों की वजह से इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र माना जाता है. यहां हर वर्ष सबसे ज्यादा यूरोपीय पर्यटक आते हैं. वहीं, इस शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगा सिखाने के लिए भी जाना जाता है.
कावेरी नदी पर गैलरी बनने की घोषणा कर्नाटक के पर्यटन मंत्री आर.वी देशपांडे ने बैंगलुरू में की है. उन्होंने बताया कि 2015-16 के कर्नाटक बजट में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3.5 करोड़ की राशि का ऐलान किया है.
राज्य सरकार ने कावेरी नदी गैलरी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी नेशनल साइंस एकेडमी को सौंपी है. इस गैलरी के लिए नेशनल साइंस एकेडमी और नेशनल साइंस म्यूजियम साथ मिलकर काम करेंगे. आर.वी देशपांडे ने बताया कि यह प्रोजेक्ट कुछ ही महीनों में पूरा हो जाएगा.
वहीं, शुरुआत के तीन साल इस गैलरी की देखरेख और चलाने का काम नेशनल साइंस म्यूजियम करेगा. इसके बाद इसका जिम्मा राज्य के पर्यटन विभाग का होगा. इस दौरान म्यूजियम के अधिकारी टूरिज्म विभाग को जरूरी ट्रेनिंग भी देंगे.