दिल्ली में हर साल फूलवालों की सैर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है और यह उन त्योहारों में से एक है, जो भाईचारे का संदेश देता है. ये हमारे देश की मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक है. दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाने वाला यह त्योहार इस साल 14 अक्टूबर से आरंभ होगा और 22 अक्टूबर तक चलेगा. इसे हर साल 'अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशां' नामक सोसायटी आयोजित करती है.
यह आपसी सौहाद्र को बढ़ाने वाला त्योहार है क्योंकि इसे हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं और इसे लेकर दोनों समुदायों में एक जैसा उत्साह देखने को मिलता है. इस त्योहार की खासियत यह है कि इसमें एक ओर ख्वाजा बख्तियार काकी की दरगाह पर फूलों की चादर और पंखा चढ़ाया जाता है और दूसरी ओर महरौली के योगमाया मंदिर में फूलों का छत्र और पंखा चढ़ाया जाता है.
इस साल का कार्यक्रम
14 अक्टूबर को महरौली में मेला लगाया जाएगा. 16 अक्टूबर को मैहरोली के डीडीए पार्क में पेंटिंग काॅम्पटीशन होगा. 17 अक्टूबर को गवर्नर नजीब जंग के आवास पर शहनाई का आयोजन होगा और उन्हें दोनों समुदाय के लोग फूलों का पंखा देंगे. पंखा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी दिया जाएगा. 18 अक्टूबर को इंडिया गेट के पास एक आयोजन होगा और फिर फाइनल इवेंट महरौली के जहाज महल में होगा. इसके बाद प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन किया जाएगा.
कब शुरू हुआ
इसे 19वीं शताब्दरी में मुगल सम्राट अकबर शाह 2 ने आरंभ किया था. हालांकि यह त्योहार बहादुर शाह जफर के समयकाल में काफी लोकप्रिय हुआ था. इसे हर साल सितंबर-अक्टूबर माह में मनाया जाता है. काफी समय तक अंग्रेजों ने इसे बंद करा दिया था लेकिन 1961 में तत्कालीन
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के प्रयासों से इसे फिर आरंभ किया जा सका.