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जहां महिलाएं नहीं कर सकती ड्राइव, वहां ऑल विमेन क्रू ने की सफल लैंडिंग

रॉयल ब्रूनेई एयरलाइंस कंपनी के इस फ्लाइट क्रू में सिर्फ महिलाएं ही थीं. उन्होंने पहली सफल यात्रा एक ऐसे देश तक की जहां महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है.

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रॉयल ब्रनेई एयरलाइंस कंपनी के फ्लाइट क्रू की मेंबर्स
रॉयल ब्रनेई एयरलाइंस कंपनी के फ्लाइट क्रू की मेंबर्स

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महिला सशक्ति‍करण का ये एक बेहतरीन उदाहरण है. रॉयल ब्रूनेई एयरलाइंस कंपनी की तीन महिला पायलट्स ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि ऐसा कोई काम नहीं जो महिलाएं न कर सकती हों.

रॉयल ब्रूनेई एयरलाइंस कंपनी की यह पहली फ्लाइट है जिसमें पूरे फ्लाइट क्रू में सिर्फ महिलाएं ही थीं. उन्होंने पहली यात्रा सऊदी अरब तक की. बता दें कि यहां महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है.

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर नाम के इस विमान को तीन महिलाओं का ये फ्लाइट क्रू  ब्रूनेई से लेकर जेद्दाह पहुंचा. इत्तेफाक ये था कि उसी दिन ब्रूनेई में स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जा रहा था.

 फ्लाइट की कैप्टन शरीफाह जरीना, सीनियर फर्स्ट ऑफिसर सरिआना नोरदिन और नादिया का ये कारनामा वाकई काबिल-ए-तारीफ है. जरीना ने 2013 में यूके में फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग ली थी. उनका कहना है कि आमतौर पर फ्लाइट उड़ाने का काम पुरुषों का ही माना जाता है.

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बतौर एक महिला और एक ब्रूनेई महिला होने के नाते ये वाकई एक बहुत बड़ी कामयाबी है. इससे युवाओं को और खासतौर पर लड़कियों को ये हिम्मत मिलेगी. उनमें यह विश्वास जगेगा कि जो सपने उन्होंने देखे हैं, वे सच हो सकते हैं.

बता दें कि जिस जगह यह फ्लाइट पहुंची है, वह यानी सऊदी अरब एकमात्र ऐसा देश है जहां महिलाओं के गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध है. अगर कोई महिला सार्वजनिक रूप से गाड़ी चलाते दिख जाती है तो उस पर जुर्माना लगा दिया जाता है. या फिर उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है.

हालांकि सऊदी अरब में महिलाओं के अध‍िकारों को लेकर कई तरह की मांग उठ रही हैं. पिछले साल महिलाओं ने पहली बाद नगर निगम के चुनावों में हिस्सा लिया था और अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. साथ ही 978 महिलाओं ने प्रतिभागी के तौर पर भी अपना नाम रजिस्टर कराया था.

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