सामान्य प्रसव (नॉर्मल डिलीवरी) की तुलना में शल्य क्रिया से होने वाले प्रसव (सीजेरियन डिलीवरी) का यौन संबंधों पर खराब असर पड़ता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. सीजेरियन सेक्शन से बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को यौन संबंध बनाने के दौरान या इसके बाद महिला को भयंकर पीड़ा से गुजरना पड़ता है, जिसे 'डिस्परेयूनिया' कहते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित मडरेक चिल्ड्रन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के एली मैक डॉनल्ड ने कहा, 'हमारे निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि सीजेरियन सेक्शन या वैक्यूम एक्सट्रैक्शन प्रसव (प्रसव सुविधाजनक बनाने के लिए निर्वात पंप का इस्तेमाल) के छह से लेकर 18 महीनों तक महिलाओं को डिस्परेयूनिया से गुजरना पड़ता है.' मेलबर्न में यह अध्ययन पहली बार मां बनने वाली 1,244 महिलाओं पर किया गया.
अध्ययन में यह बात सामने आई कि सामान्य प्रसव की अपेक्षा सीजेरियन या वैक्यूम एक्सट्रैक्शन प्रसव वाली महिलाओं को अगले 18 महीनों तक डिस्परेयूनिया होने का दोगुना जोखिम होता है. यह अध्ययन पत्रिका बीजेओजी- एन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑब्सट्रेटिक्स एंड गायनेकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.
इनपुट IANS से