मां-बाप के लिए अपने बच्चों का एडमिशन नर्सरी में कराना किसी जंग से कम नहीं. बच्चे को टेस्ट के लिए तैयार कराने से लेकर फॉर्म खरीदना, जमा कराना और फिर उसके बाद फीस के रूप में मोटी रकम जमा करना सब कुछ युद्ध लड़ने जैसा ही होता है.
पर अगर आप ये सोचते हैं कि इन हालातों से केवल आपको ही गुजरना पड़ा है तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है. इन मां-बाप की मेहनत के आगे आपको अपना श्रम बहुत कम जान पड़ेगा.
हालांकि मामला पड़ोसी मुल्क चीन का है लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य हो सकता है कि वहां भी प्राइमरी शिक्षा का हाल बदहाल है. चीन के इन मां-बाप की हालत को अगर आप अपनी परिस्थिति से तुलना करके देखेंगे तो आपको अपनी हालत बहुत बेहतर लगेगी.
किंडरगार्टेन में अपने बच्चे की सीट पक्की करने के लिए चीन के मां-बाप ईट-पत्थर की जमीन पर सोने के लिए मजबूर हैं. चाहे बारिश हो या धूप वे स्कूल के सामने टेंट डालकर सिर्फ इसलिए पड़े हुए हैं ताकि उनका नंबर पहले आ जाए.
ये सारी भागदौड़ वहां हुए नए शिक्षा बदलावों की वजह है. हरबिन सिटी में मां-बाप प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स का रुख कर रहे हैं. उनका मानना है कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का स्तर तुलनात्मक रूप से बेहतर है. चीन के युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की टेंडेसी को भी स्कूल से जोड़कर देखा जा रहा है. जहां बच्चे पर ग्रेड लाने के साथ ही लाइफस्टाइल में भी बेस्ट होने का दबाव होता है.