मिनिस्ट्री ऑफ लेबर के मैटरनिटी बेनेफिट एक्ट 1961 के तहत हर ऑफिस में, जहां 30 से ज्यादा महिला कर्मचारी हैं, वहां क्रेच की सुविधा अनिवार्य है. यह सुविधा कुछ कंपनियों में देखने को मिलती है, पर अधिकांश निजी कंपनियों में यह सुविधा नदारद है.
ऐसे में एक वर्किंग वुमेन के लिए अपने बच्चे और ऑफिस दोनों दायित्वों को साथ लेकर चलना मुश्किल होता है. लिहाजा, कर्नाटक सरकार ने इस ओर एक अनोखी पहल की है.
कर्नाटक सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर राज्य में स्थित सभी निजी कंपनियों को कहा है कि वो कंपनी में काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को क्रेच के लिए भुगतान करें. राज्य स्थित सभी कंपनियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है.
क्रेच में 10 महीने की बच्ची संग आया कि दरिंदगी देख दहल उठेगा दिल
राज्य सरकार ने निजी कंपनियों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली महिलाओं से संबंधित 15 निर्देश जारी किए हैं, जिसमें क्रेच के लिए भुगतान भी शामिल है. इसके अलावा कंपनियों को महिला कर्मचारियों को पिक एंड ड्रॉप की सुविधाएं भी देनी होंगी. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं की ड्रॉपिंग आखिर में न हो.