विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भवती महिला द्वारा इस साधारण से लवण का सेवन करने से बच्चे का मानसिक विकास तो होता ही है साथ ही एक स्वस्थ समाज का भी निर्माण होता है.
आयोडीन मानसिक स्तर को बढ़ाने में फायदेमंद होता है. खासतौर पर जब ये गर्भवती महिला द्वारा गर्भ ठहरने के पहले महीने में लिया जाए. यदि गर्भवती गर्भावस्था के पहले महीने में आयोडीन का सेवन करती है तो इससे बच्चे का आईक्यू लेवल अच्छा होता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के लिए ये लवण लेना महत्वपूर्ण है. आयोडीन की कमी से महिला को जहां कई तरह की समस्याएं होने का खतरा बना रहता है वहीं बच्चे के मानसिक स्तर पर भी आयोडीन की मात्रा का गहरा असर पड़ता है.
मेटाबॉलिज्म, शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए हॉमोन्स की आवश्यकता होती है और इन हॉमोन्स के बनने के लिए आयोडीन एक महत्वपूर्ण लवण है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हर वयस्क को 150 माइक्रोग्राम आयोडीन प्रतिदिन लेना चाहिए. वहीं गर्भवती और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को 250 माइक्रोग्राम आयोडीन प्रतिदिन लेना चाहिए.
सफेद मछली, प्रॉन्स, केला और डेयरी उत्पादों में भरपूर आयोडीन होता है.