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बच्चों से कभी न कहें ये 5 बातें

बच्चों को संभालने, उन्हें सही गलत का भेद बताने, सही शि‍क्षा देने और उन्हें मुसीबतों के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी मां और पिता की ही होती है. लेकिन इस बीच कहीं आप अपने बच्चे से कुछ ऐसा तो नहीं कह रहे हैं, जो आपको नहीं कहना चाहिए...

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child care
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बच्चों की परवरिश आसान नहीं होती. खासतौर से यदि मां और पापा दोनों वर्किंग हैं तो चुनौती और भी बढ़ जाती है. बच्चों को अनुशासित रखने के लिए या सुधारने के लिए हम कई बार उनसे ऐसी बात कह बैठते हैं, जो उनके कोमल मन पर नकारात्मक छाप छोड़ जाता है. वो सुरधने की बजाय डरने लगते हैं. उनके दिमाग में वो बातें बैठ जातीं है. यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. बच्चों में पर्सनैलिटी डेवेलपमेंट के इशू आ सकते हैं. ऐसे में यह जान लेना और भी जरूरी हो जाता है कि बच्चों से क्या न कहा जाए...

मैं भी पढ़ाई में इतनी ही बुरी थी/था
बच्चा स्टडीज में अच्छा प्रदर्शन दिखा पा रहा है या अच्छे ग्रेड्स नहीं ला पा रहा है तो उसे मोरली संभालने के लिए ये कहना गलत होगा कि मैं भी पढ़ने में कमजोर थी या था. इस बात से बच्चा पढ़ाई को लेकर और भी लचर और लापरवाह हो जाएगा. आप पढ़ाई के लिए बच्चे पर ज्यादा दबाव न बाएं, पर ऐसा कह कर बच्चे को बिल्कुल रिलैक्स न छोड़ें. बच्चे को कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित करें.

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पापा से शिकायत
आमतौर पर घरों में पापा की छवि एक अनुशासित व्यक्त‍ि की तरह बनी होती है. पर बार-बार पापा के नाम की धमकी देकर आप जो बच्चों को अनुशासित करने की कोशिश करती हैं, दरअसल वो उनके मन में पापा के लिए डर पैदा करता है. उनके मन में पापा के लिए सम्मान की जगह खौफ पनपता है.

पापा पढ़ाएं तो बेटियां होती हैं इंटेलिजेंट

हमेशा ताना ठीक नहीं
बच्चों को बार-बार ताना न दें. बार-बार एक ही बात बोलने और ताना देने से बच्चे उन्हें गुस्सैल और चिढ़चिढ़े हो जाते हैं. वो जिद्दी होने लगते हैं.

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तुम खूबसूरत नहीं
कई बार हम अपने बच्चों में ही न चाहते हुए भी भेदभाव दर्शा देते हैं. अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से न करें. दूसरा बच्चा आपके बेटे या बेटी से तेज है या खूबसूरत है, इस तरह की तुलना न करें. इससे बच्चे में हीन भावना पनपने लगेगी. वह उस बच्चे से भी अच्छी तरह बात नहीं करेगा, जिससे उसकी तुलना की जाती है.

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मोटापे का एहसास
आप डायट पर हैं या अपना वजन घटाना चाहती हैं, यहां तक तो ठीक है. पर यह बात बच्चों के सामने जाहिर न करें. बच्चे बेवजह में वेट को लेकर सतर्क हो जाते हैं और खाना ठीक से नहीं खाते. इसलिए बार-बार उनके सामने वेट मशीन पर खड़ी न हों और न ही उनसे ये कहें कि आजकल आप वजन घटाने की मुहिम में जुटी हैं.

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