मुंबई मंथन के दौरान एक सवाल पूछे जाने पर कि क्यों काजोल और उनके पति ऐसे एड करते हैं जिसमें हैंडवॉश करने जैसी आम बातें बताई जाती हैं, पर काजोल का कहना था कि ये बीमारियों से बचने का पहला कदम होता है. इस बात को जितना हो सके उतना फैलाने की जरूरत है ताकी बच्चे और लोग बीमारियों से बचे रहें.
काजोल कहती हैं कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि हाथ की सफाई जैसी बात को इतना बताने की क्या जरूरत है तो उन्हें बहुत आश्चर्य नहीं होता. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बहुत सारे लोग इस बात के महत्व को ही नहीं जानते हैं.
काजोल आगे कहती हैं कि उनहें भी इस बात का एहसास तब हुआ जब वो मां बनी. मां बनने के बाद आपकी जिम्मेदारियां अचानक से बढ़ जाती हैं और बच्चे की सफाई और हाथ धोकर बच्चे को छूने जैसी आम बातें आपको कोई नहीं बताता. सिर्फ डॉक्टर आपको बताता है कि 40 दिन तक आपको लगातार हाथ धुलने के बाद ही बच्चे को छूना है और उसके कोई भी काम करने हैं.
जब मैं पहली बार मां बनी थी और मुझे हैंडवॉश कितना इंपोर्टेंट होता है पता चला था तो कई मेरी अजय से भी इस बात को लेकर लड़ाई हो जाती थी. क्योंकि मैं बहुत ज्यादा सफाई पसंद हो गई थी.
शायद इन्हीं छोटी-छोटी जानकारियों के बारे में अवयेरनेस न होने की वजह से ही हमारे देश में बच्चों में निमोनिया, डायरिया जैसी बीमारियां ज्यादा देखने को मिलती हैं. इसलिए अगर छोटे-छोटे कैंपेन चलाएं जाएं तो ये ज्यादा लोगों तक पहुंचते हैं. बच्चों के पोषण के लिए खुद भी हाथों की सफाई करने और बच्चों को भी इसे अपनाने की आदत डालें.