बच्चा पढ़ने में चाहे जितना ही अच्छा क्यों न हो लेकिन एग्जाम आने के साथ ही उनकी टेंशन बढ़ जाती है. इस दौरान न केवल बच्चों की टेंशन बढ़ जाती है बल्कि उनके पेरेंट्स भी काफी परेशान हो जाते हैं.
एक ओर जहां इस समय बच्चे को प्रेशर और टेंशन से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए वहीं उसके खानपान का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए. इस दौरान बच्चे को पोषक तत्वों से भरपूर चीजें ही देनी चाहिए. बच्चे की डाइट में विटामिन, प्रोटीन और लवण की अच्छी मात्रा होनी चाहिए. साथ ही उन्हें तरल के रूप में दूध देना भी एक बेहतर विकल्प है. दूध एक संपूर्ण आहार है और ये बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है.
इंटरनेशनल डेयरी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रोज कम से कम एक गिलास दूध पीने से न सिर्फ बच्चों को प्रमुख पोषक तत्व प्राप्त होते हैं बल्कि यह उनकी याददाश्त को भी दुरुस्त रखने में मददगार है.
फ्रैशमैन्स वैली की डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट तान्या जोशी का भी मानना है कि बच्चों के लिए दूध पीना जरूरी है क्योंकि इससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बल मिलता है.
बच्चों के लिए दूध पीने के फायदे:
1. दूध में 16 अलग-अलग आवश्यक पोषक तत्व होते हैं. ये पोषक तत्व मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करता है. दूध में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी12, मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद हैं.
2. उच्च मात्रा में डेयरी उत्पाद लेने से बच्चों की वर्किंग मेमोरी एवं विचारशीलता में सुधार होता है.
3. दूध-दही और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स स्मरणशक्ति बढ़ाने में मददगार होते हैं.
4. दूध और दूध से बने दूसरे खाद्य पदार्थ दिल से जुड़ी बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर में भी फायदा पहुंचाने का काम करते हैं.