गर्भावस्था में उल्टियां होना एक स्वभाविक बात है. इस दौरान महिला में आंतरिक रूप से और बाहरी तौर पर कई तरह के बदलाव होते हैं. हॉर्मोनल बदलावों के चलते जी मिचलाना और उल्टी होने जैसी समस्याएं हो जाती हैं. नौ महीने के गर्भकाल में महिला को ऐसी बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
उल्टी होना गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण की पहचान है. गर्भकाल के पहले तिमाही में उल्टी होना, जी मिचलाना और मॉर्निंग सिकनेस होना आम बात है. अगर आपकी उल्टी सामान्य है तो घबराने की कोई बात नहीं लेकिन अगर आपको बहुत अधिक उल्टी हो रही है तो तुरंत सतर्क हो जाइए. हालांकि आप चाहें तो इन घरेलू उपायों को भी आजमा सकती हैं.
1. अगर आपको लगातार उल्टियां हो रही हों तो रात के समय एक गिलास पानी में काले चने भिंगोकर छोड़ दीजिए. सुबह उठकर ये पानी पी लें. ऐसा करने से फायदा होगा.
2. उल्टी होने की स्थिति में आंवले का मुरब्बा खाना भी फायदेमंद रहता है.
3. गर्भावस्था के दौरान अगर लगातार उल्टी हो रही हो और जी मिचला रहा हो तो सूखी धनिया या फिर हरी धनिया को पीसकर उसका मिश्रण बना लें. समय-समय पर ये मिश्रण गर्भवती को देते रहें. ऐसा करने से कुछ समय बाद उल्टी आनी बंद हो जाएगी.आप चाहें तो इसमें काला नमक भी मिला सकती हैं.
4. जीरा, सेंधा नमक और नींबू के रस को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें. कुछ-कुछ देर में इसे चूसते रहें. ऐसा करने से उल्टी काबू में आ जाएगी.
5. तुलसी के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी फायदा होता है.