झूठ बोलना किसी को सिखाया नहीं जाता है. कई वजहों से यह आदत खुद-ब-खुद ही बन जाती है. गलतियों को छिपाने के लिए झूठ बोलना सबसे आसान होता है. हालांकि बच्चे को शुरू में ही इस आदत से दूर कर दिया जाए तो आगे चलकर ज्यादा परेशानी नहीं होगी.
इसके लिए बेहद जरूरी है कि मां-बाप बच्चे के झूठ को पकड़ें और उसे टोकें. हालांकि बच्चे बहुत सावधानी से झूठ बालते हैं लेकिन आप चाहें तो इन बातों को आधार बनाकर अपने बच्चे के झूठ को आसानी से पकड़ सकते हैं:
1. जब बच्चे झूठ बाेलते हैं तो वो अपने माता-पिता से आंख नहीं मिला पाते हैं. अगर आपका बच्चा आपसे आंखें चुराकर बातें करता है तो आपके लिए यह संभलने का वक्त है.
2. बच्चे जब झूठ बोलते हैं तो वे एक ही बात को बार-बार दोहराते हैं. उन्हें लगता है कि एक ही बात को बार-बार कहने से उनकी झूठी बात भी सच्ची लगेगी.
3. अगर आपको बच्चे के व्यवहार में बदलाव लगे और आप ये महसूस करें कि उसकी ज्यादातर बातें बनावटी होती हैं तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए.
4. बात करने के दौरान बार-बार अटकना भी झूठ बोलने की एक निशानी है.
5. अगर आपका बच्चा बात करने के दौरान बार-बार पलकें झपका रहा है और वह जरूरत से ज्यादा इशारे कर रहा है तो समझ लें कि वह झूठ बोल रहा है.