गीता गोपीनाथ ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री का पद-भार संभाल लिया है. वह यह दायित्व संभालने वाली पहली महिला हैं.
मैसूर (भारत) में जन्मीं गीता गोपीनाथ ने पिछले सप्ताह अपना यह नया कार्य-भार संभाला. उन्हें ऐसे समय इस वित्तीय संगठन के मुख्य आर्थिक सलाहकार की जिम्मेदारी दी गयी है जब आर्थिक वैश्वीकरण की गाड़ी उल्टी दिशा में मुड़ रही है और उससे बहुपक्षीय संस्थाओं के सामने भी चुनौतियां खड़ी हो रही हैं.
गीता गोपीनाथ (47) हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाती रही हैं. वह मुद्राकोष में मौरिस आब्स्टफेल्ड की जगह लायी गई हैं जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए थे. वह मुद्राकोष की आर्थिक सलाहकार और इसके अनुसंधान विभाग की निदेशक बनाई गई हैं.
उनकी नियुक्ति की घोषणा 1 अक्टूबर 2018 को की गयी थी. मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने उस समय गीता गोपीनाथ को दुनिया का एक विलक्षण और अनुभवी अर्थशास्त्री बताया था. उन्होंने कहा था कि गीता विश्व में महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं. वह मुद्राकोष की 11वीं मुख्य अर्थशास्त्री हैं.
उन्होंने हाल में हार्वर्ड गजट के साथ बातचीत में अपनी इस नियुक्ति को एक बड़ा सम्मान बताया था. इसी बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जिन मुद्दों पर अनुसंधान करना चाहेंगी उनमें एक मुद्दा यह भी है कि अंतराष्ट्रीय व्यापार और वित्त में अमेरिकी डालर जैसी वर्चस्व वाली मुद्राओं की भूमिका असल में क्या है.