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पीरियड्स समय पर नहीं आते? इस गंभीर बीमारी का है खतरा

Irregular Periods: एक नई रिसर्च से पता चलता है कि जिन महिलाओं के मासिक धर्म लंबे या अनियमित होते हैं, उनमें लिवर संबंधित एक समस्या विकसित हो जाती है. वह कौन सी बीमारी है, जो कि पीरियड्स अनियमित होने पर पैदा हो सकती है, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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(Image credit: Getty images)
(Image credit: Getty images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीरियड्स में हार्मोनल और शारीरिक बदलाव सामान्य बात है
  • स्टडी के मुताबिक, 24 से 38 दिन में पीरियड्स आना सामान्य है
  • अनियमित पीरियड साइकिल से हो सकती है लिवर संबंधित समस्या

पीरियड्स (माहवारी) एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है. सामान्यत: 12 साल की उम्र से लड़कियों को पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं, जो कि लगभग 45-55 साल तक मेनोपॉज आने तक चलते हैं. हर महिला का पीरियड चक्र अलग होता है और यह शरीर पर निर्भर करता है. सामान्य पीरियड साइकिल 2 से 8 दिनों तक चल सकते हैं. लेकिन अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स 4 दिनों तक होते हैं.

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पीरियड्स या मासिक धर्म के दौरान दौरान लड़कियों या महिलाओं में काफी हार्मोनल और शारीरिक बदलाव दिखते हैं. कभी-कभी पीरियड्स से जुड़े लक्षणों को मामूली समझकर उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन कुछ मामलों ये लक्षण नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, पीरियड्स का अनियमित होना लिवर से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है.

40 साल से कम उम्र की महिलाओं पर हुई स्टडी

(Image Credit : Pixabay)

हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, अनियमित पीरियड्स लिवर संबंधित रोग का जोखिम बढ़ा सकती है. यू.एस. ऑफिस ऑन विमेन हेल्थ के अनुसार, अगर पीरियड्स 24 से 38 दिनों में आते हैं, तब भी वह नियमित माना जा सकता है.

40 साल से कम उम्र की 72,092 महिलाओं पर हुई स्टडी के मुताबिक, जिन महिलाओं में लंबे या अनियमित पीरियड्स की समस्या देखी जा रही थी, उनमें 26 से 30 दिनों तक चलने वाले सामान्य पीरियड्स वाली महिलाओं की अपेक्षा नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज विकसित होने की संभावना 49 प्रतिशत अधिक थी.

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कांगबुक सैमसंग अस्पताल और सियोल, दक्षिण कोरिया में सुंगक्यूंकवान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एमडी सेउन्घो रयू (Seungho Ryu, MD) ने कहा, हमारी स्टडी बताती है कि लंबे या अनियमित पीरियड साइकिल नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज के खतरे का विकास कर सकते हैं या उसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं. 

हार्मोन बैलेंस बिगड़ने का लिवर पर असर

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डाइटिशियन और ओविसिटी रिसर्चर डॉ. दिमित्रियोस कौटौकिडिस (Dimitrios Koutoukidis) ने कहा, यह स्टडी ये देखने के लिए की गई थी कि क्या हार्मोंस से लिवर पर कोई प्रभाव पड़ता है. स्टडी में पाया गया कि सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का असामान्य स्तर नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है. 

डॉ. कौटौकिडिस ने आगे कहा कि फैटी लिवर से जुड़ी बीमारी को रोकने के लिए अनियमित या असामान्य रूप से लंबे पीरियड साइकिल वाली महिलाओं के लिए कोई सटीक उपाय नहीं है. लेकिन फिर भी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके लिवर संबंधित बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके लिए नीचे दिए हुए तरीके जरूर फॉलो करें.

  • अपना वजन ज्यादा ना होने दें
  • अधिक ड्रिंक न करें
  • धूम्रपान न करें

डॉ. रयू के मुताबिक, असामान्य रूप से लंबे पीरियड साइकिल वाली महिलाओं या लड़कियों में लाइफस्टाइल बदलने से नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग के साथ  कार्डियोमेटाबोलिक रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद मिल सकती है.

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