जब हम छोटे होते हैं तो हमें लगता है कि पिता होना कितना आसान है. बस ऑफिस जाना होता है और घर आकर हमें डांटना होता है. पर बड़े होने के साथ ही हमें ये एहसास होता है कि हमारे पापा कितने अमेजिंग हैं. वो इतना सबकुछ कितनी आसानी से संभाल लेते हैं. हम सभी के पिता हमारे पहले सुपरहीरो होते हैं. उनकी हर बात हमें प्रभावित करती है. पर सुपर फादर बनना इतना आसान भी नहीं. जानना चाहेंगे कैसे होते हैं सुपरफादर :
1. बच्चों की बातें सुनने वाले
इसका मतलब ये नहीं कि वो सिर्फ बच्चों से गप लड़ाते हैं. ये तो कोई भी कर सकता है. सुपर फादर अपने बच्चों की बातों से उनकी पसंद-नापसंद का अंदाजा लगाते हैं. इन्हीं बातों से वो ये समझने की कोशिश करते हैं कि उनका बच्चा किसी बात पर कैसी सोच रखता है. बच्चे के अच्छे-बुरे हर वक्त में वो बच्चे को सुनते हैं और सुनने के साथ ही अपनी राय भी देते हैं. राय देते हैं, थोपते नहीं हैं.
2. बच्चों की रुचि में होता है उनका भी इंटरेस्ट
अच्छे पिता अपने बच्चों की पसंद और नापसंद का पूरा ध्यान रखते हैं. अक्सर पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा भी वही हॉबिज अपनाये जो उनकी हैं, लेकिन सुपर फादर बच्चे को अपनी खुद की हॉबिज चुनने का मौका देते हैं. वे न केवल अपने बच्चों को सपने देखने का हक देते हैं बल्कि उनके सपनों को खुद भी जीना शुरू कर देते हैं. वे अपने बच्चे की हॉबिज और उसके सपनों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करते हैं.
3. देखभाल करना
अक्सर ऐसा माना जाता है कि डांटने का काम पिता का होता है और प्यार करने का मां का . लेकिन अच्छे पिता हर उस वक्त पर अपने बच्चे के साथ बने रहते हैं, जब उसे उनकी जरूरत होती है. पिता के साथ होने पर सुरक्षा का एहसास ये जताता है कि आपके पिता आपकी कितनी परवाह करते हैं.
4. अपनी जरूरतों को छोड़कर बच्चे की मांग पूरी करना
शायद ये काम हर माता-पिता करते हैं. माता-पिता बनने के बाद उनकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं. जो शख्स पिता बनने से पहले हर महीने नए कपड़े खरीदता था, पिता बनने के बाद अचानक से वो चीजें बिना मतलब की लगने लग जाती हैं. इन चीजों की जगह बच्चे के खिलौने और साइंस किट ले लेते हैं.