scorecardresearch
 

ये हैं देश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच

अपनी आवाज को बुलंद रखने वाली 23 वर्षीय जबना चौहान देश की सबसे कम उम्र की सरपंच हैं. साल 2016 में साढ़े 22 साल की उम्र में उन्हें हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की थरजूण गांव की सरपंच चुना गया था.

Advertisement
X
जबना चौहान
जबना चौहान

Advertisement

अपनी आवाज को बुलंद रखने वाली 23 वर्षीय जबना चौहान देश की सबसे कम उम्र की सरपंच हैं. साल 2016 में साढ़े 22 साल की उम्र में उन्हें हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की थरजूण गांव की सरपंच चुना गया था.

जबना की जिंदगी संघर्षों से भरी हुई है. उनका जन्म गरीब घर में हुआ. उनके पिता एक किसान थे और भाई नेत्रहीन. घर की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वह पढ़ने के लिए शहर जा सकें. हालांकि उनके गांव में लड़कियों को बाहर जाकर पढ़ने की इजाजत नहीं थी.

लेकिन पढ़ने और आगे बढ़ने के जुनून में जबना ने मंडी के डिग्री कॉलेज में एडमिशन लिया, जो उसके घर से काफी दूर था.

कॉलेज के 3 साल तक उन्होंने रोजाना 18 किलोमीटर पैदल और 2 किलोमीटर बस से सफर किया. इसके बाद उन्होंने एक न्यूजपेपर के दफ्तर में टाइपिंग सीखी और वहीं पार्टटाइम नौकरी करने लगी. कुछ समय बाद उन्होंने स्थानीय न्यूज चैनल ज्वॉइन कर लिया.

Advertisement

राजनीति को माना समाज का सुधार:

जबना को वैसे राजनीति में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन अपने गांव से नशाखोरी और अशिक्षा जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए गांव में पंचायत चुनाव में हिस्सा लिया. इस फैसले के कारण जाबना को कई बार लोगों से ताने भी सुनने को मिले.

लेकिन बुलंद हौसले ने उसे हारने नहीं दिया . उनके गांव में चुनाव से पहले अधिक वोट पाने के लालच में शराब बांटने का चलन था. लेकिन उन्होंने गांव वालों को साफ कह दिया था कि वह ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगी. बता दें चुनाव में पांच उम्मीदवारों के बीच जबना सबसे ज्यादा वोट पाकर विजयी हुई.

ये हैं जबना के सपने:

लड़कियों की शिक्षा के लिए कॉलेज बनवाना, गांव को साफ रखना, लोगों को बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कराना ही जबना का सपना है. वह गांव के लोगों को नशे से मुक्त कराना चाहती है, जिसमें प्रशासन का भरपूर साथ मिल रहा है.

Advertisement
Advertisement