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बच्चे को गोरा बनाने के लिए पत्थर से रगड़ती थी महिला

घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है. जहां एक मां अपने बच्चे को गोरा बनाने के लिए उसकी त्वचा पत्थर से रगड़ती थी. महिला बच्चे की असली मां नहीं थी इसने बच्चे को उत्तराखंड से गोद लिया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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माना जाता है कि एशिया के ज्यादातर देशों के लोग गोरी त्वचा को सुंदरता का प्रतीक मानते हैं. ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि गोरे रंग के लोग ही सुंदर होते हैं. गोरा रंग पाने के लिए लोग कभी फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करते हैं तो कभी कोई और उपाय. गोरे रंग की चाहत में लोग अजीबो-गरीब काम करते हैं. ऐसी ही अजीब सी घटना सामने आई है.

घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है. जहां एक मां अपने बच्चे को गोरा बनाने के लिए उसकी त्वचा पत्थर से रगड़ती थी. महिला बच्चे की असली मां नहीं थी इसने बच्चे को उत्तराखंड से गोद लिया था. लेकिन वह इसके रंग को लेकर खुश नहीं थी. महिला ने सारे जतन किए लेकिन बच्चे के रंग पर कोई असर नहीं पड़ा. इसी दौरान किसी ने महिला को बच्चे की त्वचा पत्थर से रगड़ने की सलाह दी. और महिला बच्चे की कोमल त्वचा रोज पत्थर से रगड़ने लगी.

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महिला गोरा बनाने के लिए बच्चे की त्वचा इस निर्दयता से रगड़ती थी कि उसकी चीखें निकल जाती थीं. महिला की भतीजी से यह देखा ना गया और उसने पुलिस में शिकायत कर दी. जिसके बाद पुलिस ने बच्चे को महिला से बचाया.

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बच्चे पर इस जुल्म की जानकारी पुलिस को देने वाली शोभना शर्मा ने बताया कि सुधा तिवारी निशातपुरा इलाके में स्थित एक सरकारी विद्यालय में अध्यापिका हैं. इनके पति एक प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं. दोनों ने पिछले साल मातृछाया नाम के एक अनाथालय से इस बच्चे को गोद लिया था. गोद लेने के बाद अनाथालय से कोई भी बच्चे का हाल-चाल लेने नहीं आया था.

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बच्चे को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद बच्चे को और पूछताछ के लिए चाइल्ड लाइन सेंटर भेज दिया गया. 

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