तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद ही #MeToo मूवमेंट की आग इस कदर पूरे देश में फैल गई है कि अब महिलाएं अपने साथ हुए शोषण के खिलाफ खुलकर बोल रही हैं. मुंबई मंथन आजतक के चौथे अहम सत्र तनुश्री दत्ता ने शामिल हुई. जहां उन्होंने औरतों, शोषण और छेड़छाड़ को लेकर लंबी बातचीत की.
उन्होंने कहा- मेरे साथ जो हुआ उसके लिए मैंने 10 साल पहले भी आवाज उठाई थी, लेकिन उस वक्त मेरी बात को नहीं सुना गया था. वहीं अब मेरी ये बात 'मीटू मूवमेंट का हिस्सा बन गई है'. उन्होंने कहा- मैं ही नहीं बल्कि "हर औरत की जिंदगी में मीटू की कहानी है. जो अब धीरे-धीरे कर लोगों के सामने आ रही हैं.
उन्होंने कहा - कई औरतें हैं, जिन्होंने अपनी आपबीती जाहिर करने की हिम्मत लोगों को सामने दिखाई है, लेकिन अभी भी कई औरतें हैं.. जो अपनी आपबीती बताने में डर रही हैं या परहेज कर रही हैं. आप देखेंगे कि जो महिलाएं सामने आई हैं, उनमें किसी के साथ 10 साल पहले बुरा हुआ, किसी के साथ 5 साल पहले तो किसी के साथ 25 साल पहले. जब आपको लगे कि आप बोल सकते हैं, वही बोलने के लिए सबसे अच्छा समय है.
हर बात सबूत नहीं दे सकतीं औरतें...
सत्र को मॉडरेट कर रहे राजदीप सरदेसाई ने सवाल किया - 10 से 15 साल पहले हुए शोषण के बारे में महिलाएं आज कहती हैं... तो इस बात का क्या सबूत होगा? इस पर उन्होंने बड़े सटीक तरीके से जवाब देते हुए कहा- कि सभी अपराध बंद दरवाजों के पीछे होते हैं... ऐसे में महिलाएं अपने सिर पर 24 घंटे कैमरा पहनकर नहीं चल सकती... जिसका साथ शोषण हुआ है उनका बोलना ही काफी है.