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ब्रेस्टफीड कराने से पहले जरूर रखें इन बातों का ख्याल

जन्म के बाद कुछ महीनों तक बच्चे का पाचन तंत्र इतना विकसित नहीं होता है कि वो कुछ खा सके या पी सके. ऐसे में बच्चा पूरी तरह से मां के दूध पर ही निर्भर रहता है जिसमें लगभग सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं.

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इन बातों का ख्याल रखना है जरूरी
इन बातों का ख्याल रखना है जरूरी

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ये तो हम सभी जानते हैं कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है. ये बच्चे को कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है और उसके विकास में मददगार होता है.

जन्म के बाद कुछ महीनों तक बच्चे का पाचन तंत्र इतना विकसित नहीं होता है कि वो कुछ खा सके या पी सके. ऐसे में बच्चा पूरी तरह मां के दूध पर ही निर्भर रहता है. मां के दूध में लगभग सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं. पर कम ही लोगों को पता होगा कि ब्रेस्टफीड कराने के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान देना जरूरी होता है.

ये हैं वो बातें जिन पर ध्यान देना है जरूरी:

1. ब्रेस्टफीड कराने के दौरान मां को दर्द हो सकता है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये उस महिला का पहला बच्चा है या फिर दूसरा. मां को इसके लिए एडजस्ट होने में एक या दो सप्ताह का समय लगता है. ऐसे में उसको मा‍नसिक रूप से तैयार रहना चाहिए.

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2. ब्रेस्टफीड कराने के दौरान या उसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में भी दर्द हो सकता है. पर ये दर्द लंबे समय तक नहीं रहता है. कुछ दिनों बाद ये खुद ही दूर हो जाता है.

3. कई बार खुद ही रिसाव हो सकता है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. यह सामान्य है.

4. हो सकता है कि ब्रेस्टफीड कराने के दौरान आपकी भूख अचानक से बढ़ जाए.

5. ब्रेस्टफीड कराने के दौरान तकिए का इस्तेमाल करना सुविधाजनक रहता है. बच्चे को सहारा देने के लिए तकिए का इस्तेमाल करें.

6. बच्चों को बहुत जल्दी-जल्दी भूख लगती है. हो सकता है ब्रेस्टफीड कराने के कुछ देर बाद ही उसे दोबारा से भूख लग जाए. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है.

7. ब्रेस्टफीड कराने की जगह फॉर्मूला मिल्क या किसी भी दूसरे दूध पर भरोसा न करें. मां के दूध से बढ़कर कुछ भी नहीं.

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