गर्भ धारण न करने के लिए सालों से गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल होता आ रहा है. बावजूद इसके ज्यादातर महिलाएं इसके सेवन को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाती हैं.
गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर कई ऐसी बातें हैं जिनका इससे दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. महिलाओं को पहला भ्रम तो यही होता है कि क्या वो बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भनिरोधक ले सकती हैं. वैसे तो कुछ भी करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेस्ट है, खासतौर पर उन महिलाओं को जिनकी मेडिकल हिस्ट्री है. पर अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं तो मान्यता प्राप्त कोई भी उच्च गुणवत्ता वाली गर्भनिरोधक गोली ले सकती हैं.
गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर दूसरा सबसे बड़ा मिथ ये है कि इनके सेवन से वजन बढ़ता है. दरअसल, ज्यादातर गोलियों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोरेन का मिश्रण होता है. एस्ट्रोजन की मात्रा से पानी का जमाव होता है और शरीर हेवी हो जाता है, जिससे वजन बढ़ जाता है. पर आजकल की गर्भनिरोधक गोलियों को बनाते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि वजन न बढ़े. पर पेट से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित महिला को डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए.
तीसरा बड़ा मिथ ये है कि गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है. हालांकि ये पूरी तरह गलत नहीं है क्योंकि गोलियां शरीर के हॉर्मोन्स पर असर डालती हैं. ऐसे में अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो गर्भ ठहरने के दो-तीन महीने पहले से गोलियों का सेवन बंद कर दें.
इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि इसके सेवन से पीरियड्स पर प्रभाव पड़ता है लेकिन ऐसा होने के चासेंज कम ही होते हैं. हालांकि हॉर्मोनल चेंज की वजह से ये कुछ हद तो प्रभावित हो सकता है लेकिन इसका असर बहुत कम ही होता है. अगर आपको पहले से ही मासिक चक्र से जुड़ी कोई समस्या है तो डॉक्टर के परामर्श के बाद ही गोलियों को हाथ लगाएं.