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बच्चों का जरूरत से ज्यादा ख्याल रखना है खतरनाक!

रिपोर्ट में बताया गया है कि माता-पिता का जरूरत से ज्यादा अपने बच्चों के लिए सुरक्षात्मक होना बच्चों के स्वभाव, भावनाओं और दिमाग पर बुरा असर डालता है. यह स्टडी 'डेवलपमेंटल साइकोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित की गई है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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कुछ माता-पिता अपने बच्चों को लेकर जरूरत से ज्यादा ही चिंतित रहते हैं. अपने बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं. माता-पिता का ये बर्ताव बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालता है. हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बात की पुष्टि की गई है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि माता-पिता का जरूरत से ज्यादा अपने बच्चों के लिए सुरक्षात्मक होना बच्चों के स्वभाव, भावनाओं और दिमाग पर बुरा असर डालता है. यह स्टडी 'डेवलपमेंटल साइकोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित की गई है.

'यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोता' से पीएचडी कर रहे निकोल बी पैरी ने बताया, जो माता-पिता अपने बच्चों की समस्याओं, पढ़ाई, अुनभवों पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देते हैं उनके बच्चे जीवन में आने वाली चुनौतिओं का सामना करने में सक्षम नहीं होते हैं. साथ ही ऐसे बच्चे जल्दी किसी के साथ घुल मिल नहीं पाते हैं. इनको दोस्त बनाने में भी परेशानी होती है. हर काम के लिए ऐसे बच्चे दूसरों पर ही निर्भर रहते हैं.

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पैरी ने यह भी बताया कि, सभी को अपनी भावनाओं और स्वभाव को नियंत्रण में रखना आना चाहिए. हर बच्चे को इसकी समझ होना बेहद जरूरी होता है. लेकिन ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंट्स के बच्चे हमेशा दूसरों पर ही निर्भर रहते हैं.

इस स्टडी में अफ्रीका और अमेरिका के लगभग 422 बच्चों को शामिल किया गया है. जो अलग-अलग आर्थिक बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं. स्टडी के दौरान इसमें शामिल माता-पिता और उनके बच्चों को उसी प्रकार खेलने के लिए कहा गया जैसे वो एक दूसरे के साथ अपने घर में खेलते हैं.

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नतीजों में देखा गया कि ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंट्स अपने बच्चों को लगातार बता रहे थे कि किस तरह खेलें, कौन सा खेल खेलें और किस खिलौने के साथ खेलें. पेरेंट्स के इस बर्ताव पर अलग-अलग बच्चों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ बच्चे जहां अपने पेरेंट्स के सुझाव का विद्रोह कर रहे थे, तो वहीं कुछ बच्चे निराश भी दिखाई दिए.

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