नोबेल शांति पुरस्कार पाने में महिलाएं भी कम नहीं हैं. अभी तक 16 महिलाओं ने यह सम्मान हासिल किया है. इनमें सबसे युवा नाम मलाला यूसफजई का है.
बता दें कि पहली बार किसी महिला को यह शांति पुरस्कार 1905 में दिया गया था. हालांकि अभी तक किसी भारतीय महिला को यह सम्मान नहीं मिला है.
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1. 1905 में ऑस्ट्रिया की 62 साल की महिला बेरोनेस बर्थावन सटनर को यह पुरस्कार दिया गया था. वे ऑस्ट्रियन पीस सोसायटी की संस्थापक थीं.
2.1931 में अमेरिका की 71 साल की जेन एडम्स को यह पुरस्कार दिया गया. उन्होंने वूमन इंटरनेशनल लीग फॉर पीस एंड फ्रीडम की स्थापना की थी.
3.1946 में अमेरिका की 79 साल की एमिली ग्रीन बाल्च को वूमन इंटरनेशनल लीग फॉर पीस एंड फ्रीडम की संस्थापना के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
4.1976 में आयरलैंड की दो महिलाओं को यह सम्मान मिला. बेटी विलियम्स और मायरीड कॉरीगन को 33 साल की उम्र में नार्दर्न आयरलैंड पीस मूवमेंट के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
5. यूगोस्लाविया की मदर टेरिसा को 1979 में 69 साल की उम्र में मिशनरीज ऑफ चैरिटी इन इंडिया की संस्थापना के लिए सम्मान दिया गया. साथ ही उनकी 'वर्क इन बिग्रिंग हेल्प टू सफरिंग ह्यूमेनिटी' के लिए भी प्रंशसा की गई.
6.1982 में स्वीडन की 80 वर्षीय एल्वा मिर्डाल को यह पुरस्कार दिया गया. उन्हें यूएन डिपार्टमेंट हेड पर पहुंची पहिला महिला एवं भारत में स्वीडिश एंबेसडर के नाते इसे दिया गया.The heroines of peace – the 16 women awarded with the Nobel Peace Prize since 1901: pic.twitter.com/p4gvKHdFoG
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2016
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13. लाइबेरिया की 39 साल की लीमाह जिबोवे को 2011 में लाइबीरिया में शांति स्थापित करने के कार्य के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
14. यमन की निवासी तवाकुल करमान को यह पुरस्कार 32 साल की उम्र में मिला. उन्हें वूमन जर्नलिस्ट विदाउट चेंस नामक संस्थान के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
15.2014 में पाकिस्तान की मलाला यूसफजई को 17 साल में यह सम्मान दिया गया. उन्हें शिक्षा के लिए आवाज उठाने के लिए सम्मानित किया गया था. मलाला तब सुर्खियों में आईं, जब तालिबान आतंकवादियों ने लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने को लेकर उन्हें गोली मार दी थी.