ब्रिटेन से भारत तक कार ड्राइव करके आना, किसी भी व्यक्ति के लिए एडवेंचरस हो सकता है. पर भारूलता कांबले ने यह सफर सिर्फ कीर्तिमान स्थापित करने के लिए या रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं किया. इस लंबे सफर के पीछे बेहद महत्वपूर्ण कारण भी था.
बता दें कि भारूलता कांबले ने ब्रिटेन से गुजरात तक 32 हजार किलोमीटर की यात्रा अकेले कार ड्राइव कर पूरी की है. इस दौरान उन्होंने 32 देशों को पार किया.
भारतीय मूल की 'चायवाली' उपमा बनीं बिजनेस वूमन ऑफ द ईयर
इसके साथ ही भारूलता दुनिया की ऐसी पहली महिला बन गई हैं, जिसने 57 दिन में 32 हजार किमी का सफर तय किया है। इस दौरान उन्होंने नौ पहाड़ी श्रृंखला, तीन बड़े मरुस्थल और दो महाद्वीप पार किए। उनकी यात्रा को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाएगा।
नासा की इस महिला ने बनाया सबसे अधिक उम्र की अंतरिक्ष यात्री होने का रिकॉर्ड
दरअसल, कला और संगीत प्रेमी भारूलता का सपना है कि वो नवसारी में आधुनिक सुविधाओं से लैस एक अस्पताल बनवाएं. इसलिए 32 देशों का भ्रमण करने के दौरान उनका संपर्क जिन लोगों से हुआ, उनसे अस्पताल के लिए फंड भी जुटाया. नवसारी में अत्याधुनिक अस्पतालों की कमी है और इसी वजह से भारूलता ने अपने दादा जी को वर्षों पहले खो दिया था. सही समय पर आधुनिक इलाज न मिलने की वजह से उनके दादा जी ने दम तोड़ दिया था.
ट्रक मैकेनिक शांति देवी बनीं औरतों के लिए मिसाल, टायर बदलकर जिंदगी जीने की देती हैं सीख...
उन्होंने सफर के दौरान वुमेन एम्पावरमेंट और ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ का संदेश भी दिया.
US हाउस के लिए चुनी गईं पहली भारतीय अमेरिकी महिला हैं प्रमिला जयपाल...
भारूलता कांबले को म्यूजिक का बेहद शौक है. वो कहती हैं कि बचपन से उन्हें डांस और गाने का बेहद शौक था.