इंडिया की मोस्ट पॉपुलर महिलाओं के नाम अगर आपसे पूछे जाएं, तो आप शायद इंदिरा गांधी और सरोजनी नायडू को ही लिस्ट में टॉप पर रखेंगे. आजादी के बाद भी देश पर जब पुरुष प्रधान समाज का एक ठप्पा लगा रहा, तो उसे धोने के लिए सबसे पहले महिलाओं का देश की राजनीति में उतरना जरूरी था. जब देश को चलाने वाली महिलाएं आत्मविश्वास से भरी हों, तभी देश की बाकी महिलाएं भी गर्व से अपने लिए एक अच्छे भविष्य का सपना देख सकती हैं. इंदिरा गांधी और सरोजनी नायडू जैसी महिलाओं ने वही सपना देखने का रास्ता देश की सभी लड़कियों को दिया. यह क्रान्ति जो उन्होंने शुरू की, उसकी आग दिन पर दिन बढ़ ही रही है. आज 8 मार्च के दिन इंटरनेशनल वुमेन डे सेलिब्रेट करते हुए हम आपको रूबरू कराते हैं इंडिया के कुछ खास चेहरों से जिनको आज दुनिया करती है सलाम:
शुरुआत अगर आसमान से की जाए, तो कल्पना चावला का नाम जहन में सबसे पहले आता है. अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में कल्पना ने 1997 में स्पेस शटल कोलंबिया में उड़ान भरी थी. 1 फरवरी 2003 को स्पेस शटल कोलंबिया के हादसे में हुए एक हादसे में उन्होंने अपनी जान गंवा दी, लेकिन दुनिया की अनगिनत लड़कियों को ऊंचे सपने देखने की एक प्रेरणा दे दी.
सिर्फ आसमान में उड़ना ही नहीं, बल्कि हमारे देश की लड़कियों ने हवा को चीरते हुए आगे बढ़ने का हौंसला भी दिया है. इंडियन ट्रैक और फील्ड की रानी मानी जाने वाली पी टी उषा को 'पय्योली एक्सप्रेस' और 'सुनहरी परी' जैसे नामों से भी नवाजा गया. बताते हैं कि उषा जैसी एथलिट कोई दूसरी पैदा ही नहीं हुई है.
पिछले कुछ सालों में मैरी कॉम का नाम काफी तेजी से उभरा है. बॉक्सिंग को जहां सिर्फ लड़कों का खेल माना जाता था, वहां मैरी कॉम ने पद्म भूषण पाकर इस खेल को नई दिशा दी है, और तमाम लड़कियों को एक नया सपना.
ऐसे ही बैडमिंटन में साइना नेहवाल की उपलब्धियों का जितना भी जिक्र हो कम है. स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने एक के बाद एक कई खिताब अपने नाम कर साबित कर दिया है कि देश में खेल केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी ऊंचाइयों को छू सकती हैं.
हिम्मत, जज्बा और काबलियत का एक और बेहतरीन उदाहरण हैं किरण बेदी. भारत की पहली आईपीएस ऑफिसर के रूप में किरण ने सोशल जस्टिस का सच्चा रूप हम सबके सामने रखा.
यही नहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्होंने उन लोगों के मुंह पर ताले लगाए हैं जिनका भ्रम था कि लडकियां हिसाब की कच्ची होती हैं. आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की हेड चित्रा रामकृष्णा, एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा, एचएसबीसी की प्रेजिडेंट और कंट्री हेड नैना लाल किदवई और यस बैंक की बिजनेस मैनेजर राखी कपूर ने अपनी मेहनत से सबको हिलाकर रख दिया.
सिर्फ बैंकिंग में ही नहीं, बल्कि और तमाम बिजनेस में भी इंडियन महिलाओं ने झंडे गाड़े हैं. बायोकॉन की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर किरन मजूमदार शाह ने 566 मिलियन डॉलर के रेवेन्यू के साथ बायोकॉन को एशिया की सबसे बड़ी बायोफार्मा बना दिया. और खुद भी 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ इंडिया की सबसे अमीर महिला के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया. यही नहीं, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की मैनेजिंग डायरेक्टर विनीता बाली, गोदरेज इंडस्ट्रीज की प्रेडिसेंट निसबा गोदरेज, बिसलरी ग्रुप की डायरेक्टर जयंती चौहान, आदि ने दिखा दिया कि लडकियां अच्छी मैनेजर भी साबित हो सकती हैं.
इस बात से तो आप भी इंकार नहीं कर सकते कि एंटरटेनमेंट जगत में भी महिलाओं का तोड़ नहीं है. विद्या बालन, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर खान से लेकर फरहा खान और एकता कपूर तक कोई भी किसी से कम नहीं है.
ये लिस्ट खत्म नहीं होने वाली हुजूर. निरुपमा राव से लेकर पॉपुलर लेखिका अरुंधति राय तक इंडिया हुनर की खान रहा है. यहां जब हुनर को तराशा गया, नगीनों के रूप में एक एक महिला बेमिसाल साबित हुई. आज वर्ल्ड वुमेन डे पर ऐसी सभी काबिल और लायक महिलाओं को सलाम.