ये तो हम सभी जानते हैं कि बच्चों को संभालना आसान काम नहीं. बच्चे के गर्भ में आने के बाद से माता-पिता का जीवन हमेशा के लिए बदल जाता है. पैरेंटिंग एक ओर जहां सुखद एहसास है वहीं इसमें तनाव भी कम नहीं. घर में बच्चे के आ जाने के बाद से माता-पिता की नींद, खानपान और व्यवहार हमेशा के लिए बदल जाता है. पर हाल ही में हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि पैरेंटिंग का माता-पिता की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी सीधा असर पड़ता है.
विशेषज्ञों की मानें तो बच्चे के लालन-पालन के दौरान माता-पिता की रोग प्रतिरोधक क्षमता कई तरह के बदलावों से गुजरती है. पैरेंटिंग शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों में थका देने वाला काम है.जिसका सीधा असर माता-पिता की इम्यूनिटी पर पड़ता है.
अध्ययन की मानें तो पैरेंटिंग, बिल्कुल किसी वातावरणीय बदलाव की तरह इम्यून सिस्टम पर असर डालती है. इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 500 लोगों पर परीक्षण किया. अध्ययन में कहा गया है कि जिस तरह हमारा इम्यून सिस्टम बीमारियों से लड़ता है उसी तरह वह इस बदलाव को भी संभालता है.
जिस तरह कई दूसरे कारकों जैसे मोटापा, उम्र और लिंग व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं उसी तरह पैरेंटिंग भी एक गंभीर प्रभाव डालता है. हमारा इम्यून सिस्टम हमें सुरक्षा प्रदान करने का काम करता है.
पैरेंटिंग में एक ओर जहां बहुत अधिक धैर्य रखने की आवश्यकता होती है वहीं ये भी जरूरी है कि आप इस जिम्मेदारी को खुश होकर निभाएं. ऐसा करने से इम्यून सिस्टम पर नकरात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.