प्री-मैच्योर बच्चों को लेकर माता-पिता बहुत अधिक चिंतित रहते हैं. पूरी समयावधि में जन्मे बच्चों की तुलना में माता-पिता, प्रीमैच्योर बच्चे को लेकर ज्यादा फिक्रमंद रहते हैं.
ब्रिटेन के शोधकर्ता निकोल बॉमन के अनुसार, समय से पहले जन्मे बच्चों का स्वास्थ्य वयस्क होने पर ठीक रहे, इस बात की कोई गारंटी नहीं होती. पर जो बच्चे गर्भावस्था की पूरी अवधि पूरी करने के बाद जन्म लेते हैं, वे अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ रहते हैं. वयस्क होने के साथ ही उनका स्वास्थ्य बेहतर होता जाता है.
शोध में 31 सप्ताह या उससे भी पहले जन्मे 260 लोगों के स्वास्थ्य का पूरे समय में जन्मे 229 लोगों के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया गया. शोधकर्ताओं ने देखने, सुनने की क्षमता, बोलने, दर्द और भावना जैसे स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का अध्ययन किया.
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों और उनके माता-पिता से स्वास्थ्य संबंधी कई सवाल भी किए.
जर्मनी की यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बॉन के सह शोधकर्ता पीटर बार्टमैन के अनुसार, समय से पहले जन्मे व्यक्तियों को स्वास्थ्य समस्याओं का ज्यादा जोखिम होता है. यही कारण है कि माता-पिता प्रीमैच्योर बच्चों को लेकर ज्यादा फिक्रमंद रहते हैं.