किशोरों को अक्सर उस वक्त माता-पिता को अनसुना करते देखा जाता है, जब वे उनकी आलोचना कर रहे होते हैं. वैज्ञानिकों ने अब इसकी वजह का पता लगा लिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार, जब माता-पिता बच्चों की नुक्ताचीनी कर रहे होते हैं तो उनके मस्तिष्क का एक खास हिस्सा बंद हो जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार जब माता-पिता बच्चों की आलोचना करते हैं तो उनके मस्तिष्क के उस हिस्से की गतिविधियां तेज हो जाती हैं, जो नकारात्मक भावनाओं से भरा होता है, जबकि उस हिस्से में गतिविधियां कम हो जाती हैं, जो भावनाओं को नियंत्रित करता है और लोगों के विचारों को सुनता है.
अध्ययन में 32 स्वस्थ भागीदारों को शामिल किया गया, जिनमें से 22 किशोरियां भी थीं. अध्ययन में शामिल सभी भागीदारों की औसत आयु 14 वर्ष थी. वायर्ड डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, किशोरों को 30 सेकंड का क्लिप सुनने के लिए दिया गया, जिसमें उनकी मां उन्हें खरी-खोटी सुना रही थीं. इसी दौरान उनके मस्तिष्क का स्कैन किया गया.
रिसर्च की अगुवाई करने वाले अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के कयुंग हवा ली ने कहा कि अध्ययन के नतीजों से बच्चों के बेहतर पालन-पोषण में मदद मिल सकती है.
उन्होंने कहा, 'अभिभावकों को सीख मिल सकती है कि जब वे अपने किशोर बच्चों को डांटते-फटकारते हैं तो उनके अंदर नकारात्मक भावनाओं की प्रतिक्रिया हो सकती है. साथ ही उन्हें यह समझने में भी मुश्किल आ सकती है कि वे अपनी भावनाओं पर किस प्रकार नियंत्रण करें. उन्हें अपने माता-पिता के दृष्टिकोण या मानसिक स्थिति को समझने में भी दिक्कत आ सकती है.'
- इनपुट IANS