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Pregnancy: ना गोलियां, ना कंडोम! प्रेग्नेंसी रोकने का ये तरीका है बिल्कुल फ्री

How to stop pregnancy: रिदम मेथड फैमिली प्लानिंग का एक नेचुरल तरीका है. जो महिलाएं रिदम मेथड का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें अपने मासिक चक्र, ओव्यूलेशन और फर्टिलिटी विंडो को ट्रैक करने की काफी जरूरत होती है. प्रेग्नेंसी रोकने के लिए भी रिदम मेथड काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. आइए जानते हैं इसके फायदे-नुकसान.

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Rhythm method of birth control (Photo Credit: Getty Imges)
Rhythm method of birth control (Photo Credit: Getty Imges)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रिदम मेथड से इन महिलाओं को मिल सकता है फायदा
  • बर्थ कंट्रोल के बाकी तरीकों से हो सकते हैं कई साइड इफेक्ट्स

यूं तो मां बनना हर महिला का सपना होता है, लेकिन कई बार कुछ कारणों के चलते महिलाएं प्रेग्नेंसी नहीं चाहतीं. प्रेग्नेंसी ना चाहने पर महिलाएं अक्सर बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं. बर्थ कंट्रोल के लिए जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ पिल्स का ही सेवन करें. प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए आप नेचुरल तरीकों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. तो अगर आप भी अभी मां नहीं बनना चाहतीं तो हम आपको इसके लिए एक नेचुरल तरीका बताने जा रहे हैं. नेचुरली प्रेग्नेंसी रोकने के इस तरीके को 'रिदम मेथड' कहा जाता है. 

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क्या है रिदम मेथड?

रिदम मेथड को कैलेंडर मेथड भी कहा जाता है. रिदम मेथड प्रेग्नेंसी रोकने का ही एक तरीका है. इसमें किसी महिला को अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल और फर्टिलिटी के समय को ट्रैक करने की जरूरत होती है. महिलाएं महीने के कुछ दिनों में सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है यानी उस वक्त प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत ज्यादा होती है.

अगर आप प्रेग्नेंट नहीं होना चाहतीं तो आपको उस दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए जब आप फर्टाइल होती हैं. बहुत सी महिलाएं जो अपने फर्टिलिटी पीरियड के दौरान भी सेक्स करती हैं, प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इन दिनों में गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं. 

रिदम मेथड में किसी महिला के लिए यह जानना जरूरी होता है कि उसका ओव्यूलेशन कब होने वाला है. मेंस्ट्रुअल साइकिल में ओव्यूलेशन वो समय होता है जब आपकी ओवरीज से एग रिलीज होते हैं. इस दौरान सेक्स करने पर स्पर्म एग को फर्टिलाइज कर सकता है जिससे आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं.

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किस तरह काम करता है रिदम मेथड

हर महीने में कुछ दिन ऐसे होते हैं जिस दौरान महिलाएं फर्टाइल होती हैं. ऐसे में जो महिलाएं रिदम मेथड का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें अपने पिछले पीरियड्स के आने के वक्त पर नजर रखनी पड़ती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि महीने के कौन से दिनों में वह फर्टाइल होंगी.

फर्टिलिटी डेज का पता होने पर महिलाएं ये निर्णय ले सकती हैं कि उन्हें इस दौरान सेक्स करना है या नहीं. जो लोग प्रेग्नेंसी नहीं चाहते, वो इस दौरान कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिसके जरिए महिलाएं अपनी फर्टिलिटी को मॉनिटर कर सकती हैं. आमतौर पर महिलाओं को पीरियड्स 28 दिनों के अंतराल में आ जाते हैं लेकिन कई बार यह अवधि 21 से 35 दिनों की भी हो सकती है. 

कई महिलाओं को हर महीने 28 दिनों के अंतराल में ही पीरियड्स आ जाते हैं जबकि कई महिलाओं को हर महीने अलग-अलग समय पर पीरियड्स आते हैं. 

बहुत सी महिलाओं को ओव्यूलेशन के 14 से 16 दिनों के ही अंदर पीरियड्स शुरू हो जाते हैं. ऐसे में अगर आप जानना चाहती हैं कि आपका ओव्यूलेशन कब होता है तो जिस दिन आपके पीरियड्स शुरू होते हैं, उससे पहले के 14 दिन काउंट कर लें. इससे आपको पता लग जाएगा कि हर महीने आपका ओव्यूलेशन कब होता है. 

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हालांकि, ओवरीज से निकलने के 12 घंटे तक ही एग्स फर्टिलाइजेशन के लिए उपलब्ध रहते हैं. महिलाओं के शरीर में स्पर्म कुछ दिनों तक रहता है. ऐसे में रिदम मेथड का इस्तेमाल कर रही महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वह ओव्यूलेशन से तीन दिन पहले और इसके तीन दिन बाद सेक्सुअल इंटरकोर्स ना करें.

रिदम मेथड उन महिलाओं के लिए काफी असरदायक साबित होता है जिनके हर महीने पीरियड्स रेगुलर आते हैं. इससे यह पता लगाने में काफी आसानी हो जाती है कि उनका ओव्यूलेशन कब होगा और फर्टिलिटी विंडो कब ओपन होगी. 

इसके लिए कई तरह के ऐप्स भी हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकती हैं. जैसे- माई कैलेंडर, पीरियड ट्रैकर, ओव्यूलेशन कैलकुलेटर.

रिदम मेथड के फायदे

इसका एक फायदा यह है कि यह एकदम फ्री होता है और इसके लिए आपको डॉक्टर को दिखाने या किसी प्रकार की कोई दवाई खाने की जरूरत नहीं पड़ती. साथ ही अगर आप भविष्य में प्रेग्नेंट होने का सोचती भी हैं तो भी आपको कोई दिक्कत नहीं होती. इसके अलावा इस मेथड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बर्थ कंट्रोल के बाकी मेथड्स की तुलना में इससे कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते. 

बर्थ कंट्रोल के बाकी तरीकों से होने वाले साइड इफेक्ट्स

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-मूड स्विंग्स
- थकान
- उल्टी
- सिरदर्द
- हड्डियों में दर्द
- ओवेरियन सिस्ट
- ब्लड प्रेशर बढ़ना
- वजाइनल डिसचार्ज और खुजली
-एलर्जिक रिएक्शन
- भविष्य में प्रेग्नेंट होने में दिक्कत

रिदम मेथड के नुकसान

रिदम मेथड का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि यह बर्थ कंट्रोल के बाकी तरीकों की तुलना में बहुत कम इफेक्टिव होता है. रिदम मेथड के फेलियर रेट काफी ज्यादा है. इस मेथड के दौरान कई बार यह पता करना बहुत मुश्किल हो जाता है कि आप कब सबसे ज्यादा फर्टाइल होंगी. ऐसे में महिलाओं को हर समय इसके बारे में सोचते रहना पड़ता है. साथ ही रिदम मेथड सेक्सुअली ट्रांसमेटेड डिजीज से प्रोटेक्शन नहीं देता. रिदम मेथड सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए सही है जो सिर्फ एक ही व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं. साथ ही इस मेथड में आपको पहले कई महीनों तक अपने पीरियड्स साइकिल, दिन, ओव्यूलेशन और फर्टिलिटी विंडो पर काफी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. 

किन महिलाओं के लिए फायदेमंद है रिदम मेथड

जिन महिलाओं का मेंस्ट्रुअल साइकिल रेगुलर होता है, उन्हें इससे फायदा मिल सकता है. 

जो महिलाएं अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल , ओव्यूलेशन और फर्टिलिटी डेज को अच्छी तरह से ट्रैक कर सकती हैं, उनके लिए भी यह मेथड फायदेमंद हो सकता है. 

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जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, उनके लिए भी यह मेथड सही साबित हो सकता है. 

प्रेग्नेंसी रोकने के लिए कितना असरदार है रिदम मेथड

प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए रिदम मेथम कितना असरदार होगा, ये कुछ चीजों पर निर्भर करता है जैसे

- आपके पीरियड्स हर महीने रेगुलर डेट पर आते हैं या नहीं.

- आप ओव्यूलेशन का कितना सही अंदाजा लगा सकते हैं.

- ओव्यूलेशन का अंदाजा लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए टूल्स कितने सटीक हैं.


 

 

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