scorecardresearch
 

जम्मू-कश्मीर और मयूरभंज की राजकुमारियों ने बताया, क्या है लग्जरी?

जम्मू-कश्मीर की राजकुमारी मृगांका कुमारी सिंह और मयूरभंज की राजकुमारी मृणालिका भंजदेव ने बताया, उनके लिए लग्जरी क्या है?

Advertisement
X
मृगांका कुमारी सिंह और मृणालिका भंजदेव
मृगांका कुमारी सिंह और मृणालिका भंजदेव

Advertisement

दिल्ली में आयोजित हुए 'रॉब रिपोर्ट लिमिटेड एडिशन-2018' में जम्मू-कश्मीर की राजकुमारी मृगांका कुमारी सिंह और मयूरभंज की राजकुमारी मृणालिका भंजदेव ने शिरकत की. कार्यक्रम के 'वियरिंग लेगेसी लाइट्ली न्यू ऐज रॉयल्स' सेशन में लग्जरी, विरासत, इतिहास आदि के बारे में बातचीत की.

मृगांका ने अपने इतिहास के बारे में बातचीत करते हुए अपने पूर्वज और जम्मू-कश्मीर के राजा हरिसिंह को याद किया. उन्होंने बताया, 'राजा हरिसिंह को डिजाइन की अच्छी जानकारी थी. उन्होंने सोशल रिफॉर्म के लिए भी काफी काम किया था, जिसमें गर्ल्स एजुकेशन, निचली जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश दिलवाना आदि शामिल है. साथ ही उन्होंने कई स्थानों की यात्रा भी की थी. मुझे अपनी मां का कलेक्शन काफी पसंद था.'

उन्होंने बताया कि उनके परिवार में अलग-अलग राज्यों के लोग थे, जिससे वो मल्टी कल्चरल माहौल में बड़ी हुई. बता दें कि मृगांका की शादी एक पटियाला के राजपरिवार में हुई है और वो चैरिटी से जुड़े कामों में भी सक्रिय रहती हैं. उन्होंने बताया कि उनकी मां एक स्पेशल चिल्ड्रन वेलफेयर सोसाएटी चलाती हैं, जिसमें वॉकेशन ट्रेनिंग में उनके साथ काम करती थीं, जहां बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं और काम के लिए पैसे भी दिए जाते हैं.

Advertisement

पोलो खेलने का है शौक

उन्होंने अपने पोलो खेलने के शौक को लेकर कहा, 'मेरे पापा भी पोलो खेलते थे और उनकी रॉयल पोलो कश्मीर टीम भी थी. जब मैं पांच साल की थी, तब मैंने पहली बार घोड़े की सवारी की थी. मुझे पोलो खेलना अच्छा लगता है और इसलिए मैं खेलती हूं.

वहीं मृणालिका भंजदेव ने बताया, 'मेरे लिए लग्जरी का मतलब कंफर्ट और एक आर्टिस्ट का विजन है. जैसे मेरे लिए लग्जरी एक रॉल्स रॉयज कार भी है तो मयूरभंज में बना एक मंदिर भी है, जो कई साल पहले बनाया गया था और उसे बनाने में एक अद्भुत कला का इस्तेमाल किया गया था.

उन्होंने ये भी बताया, 'मयूरभंज भारत की आखिरी रियासत थी जो भारत में विलय हुई. मयूरभंज के राजा उसे अलग राज्य बनाना चाहते थे और उन्होंने विरासत और एजुकेशन के लिए लड़ाई लड़ी थी. अब हमें भी बोलने की जरूरत है और हमें महिलाओं और शिक्षा के लिए काम करने की आवश्यकता है.

बता दें कि उन्होंने कई देशों में पढ़ाई की है और उनकी मल्टी कल्चरल ब्रिंगिंग है. उनका मानना है कि सोशल मीडिया टेक्नोलॉजी की तरह जरूरी है. शाही परिवार के लोग सोशल मीडिया पर आना कम पसंद करते हैं और शर्माते हैं, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है.

Advertisement
Advertisement