मेहंदी लंबे समय से बालों को रंगने के लिए पसंदीदा प्राकृतिक रंग रही है. सदियों से इस्तेमाल की जाने वाली यह डाई बालों को गहरा लाल-भूरा रंग देने के साथ-साथ उन्हें कंडीशन करने की क्षमता के लिए पसंद की जाती है. सिंथेटिक रंगों के विपरीत, मेहंदी को अक्सर एक सुरक्षित और कैमिकल फ्री ऑपशंस माना जाता है. हालांकि, बालों को रंगने के लिए अक्सर मेहंदी का इस्तेमाल करने से प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. यह नेचुरल होती है लेकिन इसका अधिक प्रयोग बालों के लिए सही नहीं माना जाता. तो आइए बार-बार मेहंदी लगाने के कुछ साइडइफेक्ट भी जान लीजिए.
1. सूखापन और भंगुरता
मेहंदी का अधिक उपयोग बालों में अत्यधिक रूखापन उत्पन्न कर सकता है. इसमें मौजूद टैनिन बालों से प्राकृतिक तेल को खींच सकते हैं जिससे बाल ड्राई और भंगुर हो जाते हैं. पहले तो बालों में एक चिकनी बनावट आ सकती है लेकिन बार-बार मेहंदी लगाने से बालों की नमी खत्म हो सकती है, जिससे बाल टूटने और दोमुंहे होने का खतरा बढ़ जाता है.
2. बालों की बनावट में बदलाव
मेहंदी का नियमित रूप से इस्तेमाल बालों की प्राकृतिक बनावट को बदल सकता है जिनके बाल स्वाभाविक रूप से मुलायम और रेशमी होते हैं, वे समय के साथ खुरदरे और रूखे महसूस कर सकते हैं. मेहंदी बालों के शाफ्ट को अपने रंग से ढक लेती है, जिससे बाल घने दिखने लगते हैं.
3. बालों का पतला होना और टूटना
यह गलतफहमी है कि मेहंदी बालों को मजबूत बनाती है जबकि इसके अधिक उपयोग से इसका विपरीत असर हो सकता है. मेहंदी की सूखापन बालों के शाफ्ट को कमजोर कर सकता है, जिससे बाल भंगुर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं. लगातार उपयोग से बाल पतले हो सकते हैं और गिरने लग सकते हैं क्योंकि स्कैल्प अपनी प्राकृतिक नमी और पोषण को बनाए रखने में असमर्थ हो सकता है.
4. एलर्जी-स्कैल्प की संवेदनशीलता
मेहंदी एक प्राकृतिक उत्पाद है, फिर भी कुछ व्यक्तियों में यह एलर्जी की प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकती है. इसके लगातार संपर्क में आने से स्कैल्प में जलन, लालिमा, खुजली और चकत्ते भी हो सकते हैं. कुछ लोगों में यह कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस का कारण बन सकता है जो एक सूजन वाली त्वचा की स्थिति है. जिन लोगों का स्कैल्प संवेदनशील होता है, उनके लिए यह प्रतिक्रिया अधिक हो सकती है इसलिए हर बार मेहंदी लगाने से पहले पैच टेस्ट करना बेहद जरूरी है.
5. दूसरा रंग नहीं चढ़ता
बार-बार मेहंदी का इस्तेमाल करने से बालों पर रंग की परत जम सकती है जिससे असमान और अप्राकृतिक रंग पैदा हो सकते हैं. चूंकि मेहंदी जल्दी फीकी नहीं पड़ती, बार-बार लगाने से गहरे और कभी-कभी दागदार रंग हो सकते हैं, जिन्हें सुधारना मुश्किल हो सकता है. रासायनिक रंगों के विपरीत, मेहंदी का स्थिर रंग उसे हल्का करना या बिना नुकसान के पूरी तरह से हटाना मुश्किल बना देता है.
मेहंदी के लगातार उपयोग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह बाद में सिंथेटिक रंगों से बालों को रंगने को लगभग असंभव बना देता है. मेहंदी की परत एक अवरोध उत्पन्न करती है जो रासायनिक रंगों को बालों के शाफ्ट में समाने से रोकती है. सिंथेटिक हेयर कलर बदलने की कोशिश करने पर अप्रत्याशित रंग उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे हरा या नारंगी.
इस प्रकार, जबकि मेहंदी एक प्राकृतिक और पारंपरिक उपाय हो सकती है लेकिन अधिक उपयोग से बचें.