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जादू की झप्पी देकर इस लड़की ने बदल दी लोगों की दुनिया

क्या आपको सामांथा हेस याद हैं? वही लड़की जिसने जादू की झप्पी देने को अपना पेशा बनाया था. 'कडल अप टू मी' नाम का स्टोर चलाने वाली सामांथा आज एक जाना-माना नाम हैं.

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cuddle up to me
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क्या आपको सामांथा हेस याद हैं? वही लड़की जिसने जादू की झप्पी देने को अपना पेशा बनाया था. 'कडल अप टू मी' नाम का स्टोर चलाने वाली सामांथा आज एक जाना-माना नाम हैं.

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दरअसल, ये एक अनोखा पेशा है जिसमें सामांथा लोगों को झप्पी देने का काम करती हैं. उनके अनुसार ये एक थैरपी है जो लोगों को सुकून पहुंचाती है. उनके ग्राहकों की उम्र 18 साल से अधि‍क ही होनी चाहिए. साथ ही कस्टमर को ये सख्त हिदायत होती है कि वो गले लगाने से आगे नहीं बढ़ेगा. सफाई भी उनकी प्राथमिकता रहती है.

जिस वक्त सामांथा ने अपना स्टोर शुरू किया था उसी वक्त उन्हें हफ्ते भर में करीब 10 हजार लोगों की रिक्वेस्ट मिली थी. प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज करने वाली सामांथा के इस पेशे के कुछ अपने नियम और कायदे हैं.


करीब दो साल पहले जिस वक्त ये खबर आई थी उस वक्त सामांथा को उनकी क्रिएटिव सोच के लिए जहां कुछ लोगों की तरफ से शाबाशी मिली थी वहीं कुछ लोगों ने इसकी आलोचना भी की थी.

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आज सामांथा का कडल स्टोर एक अच्छे और चलते व्यवसाय में तब्दील हो चुका है. उनकी आधिकारिक वेबसाइट cuddleuptome.com को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनका ये व्यवसाय कितना मैनेज्ड और प्रोफेशनल है.

वो बताती हैं कि 2012 में स्टोर शुरू करने के बाद से उनकी जिन्दगी हमेशा के लिए बदल गई. बचपन में यौन-शोषण और प्यार के लिए तरसने वाली सामांथा आज कइयों के लिए खुशी पाने का जरिया है. स्टोर खोलने से लेकर अब तक वो 50 हजार प्रोफेशनल कडलिंग मिनट्स पूरे कर चुकी हैं.

वो बताती हैं कि उनके पास आने वालों में ज्यादातर माएं होती हैं. जो अपने बच्चों और परिवार वालों को तो प्यार देती हैं लेकिन खुद इससे महरूम ही रह जाती हैं. वो कहती है कि कई ऐसे भी आते हैं जो सिर्फ गले लगकर रोते हैं. पिछले 3 सालों में 'कडल अप टू मी' ने दुनियाभर के 47 मिलियन लोगों को प्रभावित किया है.


सामांथा अपने इस विचार को इंटरव्यू, किताबों और वर्कशॉप के माध्यम से दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. उनके साथ काम करने के लिए तीन कर्मचारी भी हैं.


सामांथा कहती हैं कि अगर आप किसी को गले लगाते हैं तो वह खुद को महत्‍वपूर्ण समझता है. ये किसी थेरेपी की तरह काम करता है जो इंसान को उसकी तकलीफों को कम करने में मदद करती है.

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