यह पिछले साल नवंबर की बात है. स्पेनिश थीम के शराब, झींगा रिसाटो और वेगान केक के लज्जत भरे दस्तरख्वान का लुत्फ उठाने के बाद 39 साल की राखी गिलानी और 36 वर्षीया छवि सचदेव ने Potluck Me नाम का एक ऑनलाइन स्टोर शुरू करने का फैसला किया. एक ऐसा स्टोर, जो मुंबई के भोजनप्रेमियों को प्रिजरवेटिव रहित मक्खन और सेहतमंद खाना पेश कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया में करीब एक दशक बिताने के बाद यह जोड़ी वापस मुंबई आ गई थी, जहां ‘‘इन्हें ताजे पास्ता और कम नमक वाले खाने की कमी बेहद खल रही थी.
इस साल जून में साइट की शुरुआत के साथ उनके ऑनलाइन पॉप-अप स्टोर को आटे से बने फेटुचीनी, प्रिजरवेटिव रहित मक्खन और ग्लुटीन रहित व्यंजनों के करीब 45 ऑर्डर मिले. इन ऑर्डर को गिलानी के प्रभादेवी किचन और घरों से काम कर रहे शहर के दूसरे शेफ ने तैयार किया. गिलानी कहती हैं, ‘‘ये प्रॉडक्ट्स आपको मुंबई में और कहीं नहीं मिलेंगे.’’
उन्हीं की तरह कई और उद्यमी भी साइबर दुनिया के जरिए आपकी मेज पर खाना परोसने की कला में कामयाबी हासिल करने के लिए आकर्षक नुस्खे अपना रहे हैं. और यह है शहरी भारतीयों की प्लेट में घर में तैयार खाने का तोहफा. प्रभादेवी का लजीज पास्ता हो या हैदराबाद में बना दमदार थुक्पा या ब्रीच कैंडी के होम बेकर में तैयार ताजा ब्रेड, हुनरमंद रसोइए और बेकर्स शानदार व्यंजनों को इन वेब प्लेटफॉर्म के जरिए भारतीयों के खाने की मेज पर परोसकर उनके साथ एक डिजिटल लिंकबना रहे हैं.
कुछ के लिए यह जज्बा लजीज व्यंजनों से प्यार की वजह से जन्मा तो कुछ के लिए यह एक फायदेमंद कारोबार है, जो माउस की हर क्लिक के साथ बढ़ता है. मुंबई के 24 साल के उद्यमी अभिषेक सिंह ने Imly.in की शुरुआत की, जो खाने के शौकीनों के लिए पुडिंग से लेकर चटनी तक हाजिर करता है. उनके मन में यह विचार अपनी मां के हाथ की बनी इमली की चटनी की जबरदस्त मांग से जन्मा. उन्होंने अपनी साइट का नाम भी इसी पर रखा है. वे कहते हैं, ‘‘ऐसे कई उम्दा शेफ हैं, जिनके खाना पकाने के हुनर को पहचान नहीं मिल पाई है. Imly.in उन्हें लोगों तक पहुंचने और एक अतिरिक्त कमाई का मंच प्रदान करता है.’’
खाने की फेहरिस्त भी खासी लंबी है. दिल्ली स्थित बेक बॉक्स अगर ब्राउनीज और टार्ट पेश कर रहा है. दूसरी ओर samaas.in में आंचलिक या देश के अलग-अलग कोनों के स्थानीय व्यंजनों की भरमार है, जो लजीज तो हैं पर ज्यादा मशîर नहीं. सितंबर, 2012 में अपनी साइट की शुरुआत करने वाले तन्मय देगवेकर कहते हैं, ‘‘खाना विविध संस्कृतियों को जानने का एक बेहतरीन जरिया है और मैं लोगों को स्थानीय व्यंजनों के स्वाद का लुत्फ देना चाहता था, खासकर उन लोगों को जो घर से दूर रह रहे हैं.’’
महानगरों में कामकाजी लोगों की बढ़ती आबादी ने घर का पका खाना पेश करने वाली ऐसी साइट के पनपने का माहौल तैयार कर दिया है. मुंबई के उद्यमी पिनाक शाह और बृजेश छेदा Bowlstoyou.com के जरिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के कारोबारी इलाके में हर रोज ताजा सलाद के ऑर्डर को पूरा करने में व्यस्त रहते हैं. आर्डर ऑनलाइन होता है और सलाद माइक्रोवेव सेफ डब्बों में भेजा जाता है. छेदा कहते हैं, ‘‘सलाद सेहतमंद और पौष्टिक होता है. लोग रेस्तरां और कैंटीन के तेल मसाले वाले भोजन से परहेज करने लगे हैं.’’
बंगलुरू में आइआइएम-लखनऊ के सहपाठी रीबू वर्गीज, अफसाल सालू और प्रफुल्ल थैचरी ने इस साल की शुरुआत में अपनी साइट Delyver पर यही कोई 15 व्यंजनों की फेहरिस्त पेश की है, जिसमें मराठी पोहा, बंगाली सरसों माछ वगैरह शामिल हैं. इन्हें शहर के अलग-अगल कोनों में घर से काम कर रहे शेफ तैयार करते हैं. उनकी साइट मशहूर हो चली है. शुरू में उन्हें हफ्ते में 50 ऑर्डर मिलते थे. आज उनका कारोबार प्रति सप्ताह 400 ऑर्डर तक पहुंच गया है.
दशकों पुरानी मुंबई की डब्बावाला परंपरा में ग्राहकों को उनके घरों या कैंटीन से टिफिन बॉक्स पहुंचाया जाता रहा है. उससे हटकर आज इन साइट्स पर ग्राहकों को उनका मनपसंद भोजन और नाश्ता चुनने के लिए बेहिसाब फेहरिस्त मुहैया कराई जा रही है, जिसे होम शेफ तैयार कर रहे हैं. ये न सिर्फ भूख से व्याकुल कामकाजी लोगों को उनकी पसंद का खाना परोस रहे हैं बल्कि होम शेफ के लिए भी कारोबार का नया मंच तैयार कर रहे हैं. छेदा कहते हैं, ‘‘बहुत-सी ऐसी महिलाएं हैं, जो उम्दा खाना बनाती हैं. ये साइट्स उन्हें अपने हूनर के बूते कमाई का एक मौका मुहैया कराती हैं.’’
-साथ में सोनाली आचार्जी और आयशा अलीम