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बच्चों को जबरदस्ती खाना खि‍लाना बन सकता है बड़ी परेशानी की वजह

खाने के मामले में नखरा करना बच्चों की आदत होती है. ऐसे अक्सर हम उनको डांटकर या फिर समझाबुझा कर खाना खिला देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बेमन खाना बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है.

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बच्चों काे सिखाएं खानपान की अच्छी आदतें
बच्चों काे सिखाएं खानपान की अच्छी आदतें

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अगर आपका सारा प्यार बच्चों को खाना खिलाने के वक्त ही सामने आता है और आप प्यार-दुलार में बच्चे को ज्यादा खाना खिला देते हैं तो ऐसा करने से बचें. एक शोध में यह बात सामने आई है कि ऐसा करने से बच्चे का वजन बेवजह बढ़ जाता है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. खाने के सामान्य व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि बच्चे खुद तय करें कि वह कितना खाना चाहते हैं.

बढ़ सकता है उनका वजन
अध्ययन के मुताबिक, यदि बच्चों को प्लेट में बचा एक-एक दाना खाने पर जोर दिया जाता है, तो वे अपने शरीर के संकेतों को समझना बंद कर देते हैं और तब तक खाते हैं, जब तक उनके माता-पिता खुश न हो जाएं. बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अन्य बच्चों की तुलना में क्यों बढ़ता है, इस शोध मेंयह जानने के लिए उनकी शारीरिक गतिविधियों, टेलीविजन टाइम तथा भूख पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसमें यह बात सामने आई कि उन बच्चों के बीएमआई में ज्यादा वृद्धि होती है, जिनमें भोजन उनके खाने के स्वभाव को प्रभावित करता है.

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खुद तय करने दें पसंद-नापसंद
बच्चे कितना खाते हैं, यह भूख के हिसाब से तय नहीं होता, बल्कि खाने को देखकर और उसकी खुशबू से तय होता है. इसी के साथ ही हर वक्त बच्चे की पसंद के अनुसार खाना बनाने और खि‍लाने से बचें. ऐसा करने से बच्चे को एक ही खाना खाने की आदत पड़ जाती है और फिर वह दूसरी चीजों को नापसंद करने लगता है.

दिन में दें पांच मील
बच्चों पर पूरा खाना खाने का जोर न डालें. ऐसा करने से बच्चे पर बेमन खाने का प्रेशर बढ़ता है जो उनमें खाने को लेकर डर पैदा कर सकता है. बच्चों को दिन में पांच मील दें और इन्हें छोटे भागों में बांटें ताकि वह खाने के हर स्वाद को समझ सकें. बच्चों को जंक फूड जैसे: कुकीज, केक और इसी तरह के स्नैक्स देने की बजाय फ्रूट, जूस और सलाद खाने की आदत डालें.

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