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इन महिलाओं ने दी अपने पतियों को खुली चुनौती...

शादीशुदा महिलाओं के साथ मारपीट करने के मामलों को घरेलू हिंसा करार दिया जाता है और हाल में पाकिस्‍तान में एक ऐसे बिल को पास करने पर जोर दिया जा रहा जिसमें पत्‍नी के साथ मारपीट करने को पति का हक बनाए जाने की मांग की गई है...

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घरेलू हिंसा के खिलाफ इन महिलाओं ने अपनी आवाज की बुलंद
घरेलू हिंसा के खिलाफ इन महिलाओं ने अपनी आवाज की बुलंद

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पिछले दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें कुछ पाकिस्‍तानी महिलाओं को अपनी बात कहते हुए दिखाया जा रहा था. अब आप भी सोच रहे होंगे कि उस वीडियो में ऐसा क्‍या था जिसे लोग देखने को उत्‍साहित थे. आइए हम आपको बताते है कि उस वीडियो में दिखने वाली महिलाएं क्‍या कह रही हैं.

घरेलू हिंसा पूरे विश्‍व की महिलाओं के लिए एक भयानक और दर्दनाक जख्‍म होता है जो जिंदगी भर नहीं भर पाता. हाल ही में आए एक बिल, जिसमें पतियों को पत्नियों की पिटाई का हक देने जैसी बात कहीं गई है. इसी विषय पर खुलकर सामने आई पाकिस्‍तानी महिलाओं ने इस वीडियो के जरिए ऐसे पतियों को चेतावनी दी है कि अगर मुझ पर हाथ उठाया तो वह उसका हाथ तोड़ने से भी पीछे नहीं हटेगीं. अपने सम्‍मान की रक्षा के लिए वह अब चुप नहीं रहेंगी.

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TryBeatingMeLighty हेशटेग के साथ चलाएगे इस वीडियो ने अब आंदोलन का रूप ले लिया है और इस विषय पर महिलाओं का एक बड़ा वर्ग इन महिलाओं के सपोर्ट में आगे आ गया है. काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) इस तरह के बिल के पीछे है. यह पाकिस्तान की 20 मेंबर्स की कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडी है जो संसद को कानून बनाने की सलाह देती है. इसकी सिफारिशों के अनुसार एक महिला को पति का कहना न मानने, उसके मुताबिक कपड़े न पहनने पर, संबंध बनाने से रोकने पर थोड़ी पिटाई का हक देने बात कही है.

गर्भधारण के 120 के बाद बच्चा गिराने पर हत्या समझा जाने जैसी सिफारिशे हैं. फोटोग्राफर फहाद राजपर ने ऐसी कुछ महिलाओं की तस्वीर एक साथ साझा की हैं जो इस विषय में खुलकर बोली हैं. हर तस्वीर के साथ, उस महिला की वार्निंग भी है.

आइए जानें, क्‍या कह रही हैं ये महिलाएं...
मरयम शब्बीर कहती हैं, 'पिटाई के बदले प्यार से मुझे जीत. प्यार इतना हो कि मुझे तुम्हारी बात टालने का ख्याल भी न आए.'

ऐसा ही कुछ कहना है शगुफ्ता अब्बास का भी, 'मुझे पीटने की सोचना भी मत! मुझे पीटा तो तुम्हारा हाथ तोडकर अल्लाह के भरोसे छोड़ दूंगी. मुझे जुल्म बर्दाश्त नहीं.'

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