अक्सर मां-बाप अपने बच्चे को लाड में ठूंस-ठूंसकर खाना खिलाता हैं. उन्हें लगता है कि उनका बच्चा जितना अधिक खा ले उतना ही अच्छा है पर मां-बाप की इस सोच को वैज्ञानिकों ने बच्चे के लिए बेहद खतरनाक बता दिया है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चें को जबरदस्ती खिलाना उसके लिए मुसीबत का कारण बन सकता है.
उनका कहना है कि ऐसा करने से बेवजह बच्चे का वजन बढ़ जाता है, जोकि उसके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. माता-पिता को ये बच्चे पर ही छोड़ देना चाहिए कि वो जितना खाना चाहे उतना ही खाए.
अध्ययन के मुताबिक, 'यदि बच्चों को प्लेट में बचा एक-एक दाना खाने पर जोर दिया जाता है तो वे अपने शरीर के संकेतों को समझना बंद कर देते हैं और तब तक खाते हैं जब तक उनके माता-पिता खुश न हो जाएं.'
नॉर्वे युनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में सहायक प्रोफेसर सिल्जे स्टेनस्बेक ने कहा, 'कुछ बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स अन्य की तुलना में क्यों बढ़ता है, यह जानने के लिए हमने उनकी शारीरिक गतिविधियों, टीवी देखने के समय और भूख पर ध्यान दिया.'
स्टेंसबेक ने कहा, 'हमारे अध्ययन में यह बात सामने आई है कि उन बच्चों के बीएमआई में ज्यादा वृद्धि होती है, जिनमें भोजन उनके खाने के स्वभाव को प्रभावित करता है. वे कितना खाते हैं यह भूख के हिसाब से तय नहीं होता, बल्कि खाने को देखकर तथा उसके गंध से तय होता है.'
इनपुट: IANS