हमारे देश में अभी भी कई जगह माहवारी के दौरान लड़कियों पर कई बंदिशें लगा दी जाती हैं. आमतौर पर हमने देखा है कि माहवारी से गुजर रही लड़कियों/महिलाओं को पूजा घर या रसोई में नहीं जाने दिया जाता है. माना जाता है कि माहवारी के दौरान लड़कियां अशुद्ध होती हैं.
हालांकि यह बिल्कुल बेबुनियाद बात है. माहवारी के दौरान शरीर निकलने वाला खून भी ठीक वैसा ही होता है जैसा शरीर में कट लग जाने पर निकलने वाला खून. दरअसल खून के साथ गर्भाशय से निकलने वाले ऊतक भी इसमें मिले होते हैं जिस कारण इसे दूषित मान लिया जाता है.
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इसी धारणा को बदलने के लिए ऑस्ट्रेलिया की पूर्व हेयर ड्रेसर याज़मिना जेड ने अपने चेहरे पर माहवारी के ब्लड को पोत कर तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल दी. उनका मकसद लोगों में मैसेज देना था कि इसमें अशुद्ध जैसा कुछ नहीं होता है.
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हालांकि उनकी इस पोस्ट के लिए लोग जमकर आलोचना भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि यह सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है और कुछ नहीं. मामला कुछ भी हो लेकिन मैसेज बुरा नहीं है. वहीं याज़मिना का कहना है कि, 'यह ब्लड काफी रचनात्मक होता है अगर हम ब्लीड ना करें तो यह सृष्टि नहीं तल सकेगी. यह हमारे लिए सम्मान की बात है.'